24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : ईडी के नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन, पूछताछ के लिए नहीं हुए हाजिर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 24 अगस्त को भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे. अब सीएम ईडी के नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किये हैं. बता दें कि दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने उन्हें समन भेजा था. इससे पहले 14 अगस्त को भी पूछताछ के लिए समन भेजा था.

Jharkhand News: दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भेजे गये समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किये हैं. बता दें कि 24 अगस्त, 2023 को क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए आने को लेकर ईडी ने दोबारा समन भेजा था. लेकिन, गुरुवार को भी सीएम ईडी ऑफिस नहीं आये. सीएमओ से बंद लिफाफा लिये एक कर्मी ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंच कर अधिकारियों को लिफाफा सौंपा. बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री को 14 अगस्त को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट की और रुख किये सीएम

ईडी की ओर से दोबारा समन भेजे जाने के बाद से मुख्यमंत्री कानूनविदों से सलाह-मशविरा ले रहे हैं. बताया गया कि इसके तहत नोटिस के खिलाफ सीएम सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किये हैं. अब इस समन के खिलाफ सीएम कानूनी तरीके से निबटने का फैसला किया है.

Also Read: झारखंड : ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन, जारी समन को लेकर अधिकारियों को सौंपा गया सीलबंद लिफाफा

14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया था

इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 14 अगस्त को ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन, 14 अगस्त को भी सीएमओ से एक कर्मी बंद लिफाफा ईडी के अधिकारियों को सौंपा था. इस दिन भी सीएम पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे. इसके कुछ दिन बाद ईडी ने दोबारा समन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था.

आठ अगस्त को भेजा था समन

मालूम हो कि ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जांच के दौरान आठ अगस्त को मुख्यमंत्री को समन भेजा था. इसमें उन्हें पूछताछ के लिए 14 अगस्त को रांची के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था. समन जारी होने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से समय मांगे जाने की संभावना जतायी जा रही थी. हालांकि, समय मांगने की जगह उन्होंने पत्र भेज कर कानूनी तरीका अपनाने की सूचना ईडी को दी थी. ईडी द्वारा जारी किये गये समन के आलोक में उनसे आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जा सहित जमीन से जुड़े मामलों में पूछताछ करने का अनुमान लगाया जा रहा था.

Also Read: पश्चिमी सिंहभूम : दहशत के साये में टोंटो व गोइलकेरा प्रखंड के ग्रामीण, 40 लोगों ने छोड़ा गांव

राजस्व कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिक दर्ज

दरअसल, ईडी ने उन्हें सदर थाना में दर्ज प्राथमिकी के तहत समन किया था. ईडी ने बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापामारी के बाद पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत सूचनाओं को राज्य सरकार के साथ साझा किया था. इसमें राजस्व कर्मचारी के घर से मिले अंचल कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज, जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ करने सहित अन्य मामलों का उल्लेख किया गया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया था. सरकार ने इस अनुरोध के स्वीकार करते हुए सदर थाने में राजस्व कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करायी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें