रांची : इंजीनियरिंग, मेडिकल, बैंकिंग और सिविल सेवा में जाने के अरमान संजोये हजारों विद्यार्थी परेशान हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए इन्हें सही मार्गदर्शन या कोचिंग नहीं मिल पा रही है, क्योंकि कोविड-19 की वजह से राज्य के 1500 से ज्यादा कोचिंग संस्थान पिछले 10 महीनों से बंद पड़े हैं. हालांकि, ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, लेकिन इसका फायदा सीमित विद्यार्थियों तक ही पहुंच पा रहा है.
ज्यादातर विद्यार्थी अॉनलाइन कक्षा के दौरान आनेवाली तकनीकी समस्याओं जूझ रहे हैं. वे समझ नहीं पा रहे कि तैयारी कैसे करें, क्योंकि काफी कम समय बचा है. इन विद्यार्थियों के अभिभावक भी तनाव में हैं. वर्ष 2021 की शुरुआत से ही प्रतियोगिता परीक्षाओं का दौर शुरू होगा. 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के अलावा इंजीनियरिंग, मेडिकल संस्थानों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षाएं फरवरी-मार्च से शुरू हो जायेंगी.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेइइ मेन 2021 की तिथि भी घोषित कर दी है. अगले वर्ष जेइइ मेन चार सत्रों में आयोजित होगा. पहले चरण की परीक्षा फरवरी में ली जायेगी. इसके अलावा मेडिकल, लॉ काॅलेज, मैनेजमेंट कॉलेजों में नामांकन के लिए होनेवाली प्रवेश परीक्षाओं की तिथि भी जल्द घोषित कर दी जायेगी.
राज्य सरकार द्वारा संचालित नि:शुल्क कोचिंग संस्थान आकांक्षा-40 के राज्य समन्वयक वीके सिंह कहते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई की अपनी सीमा है. कक्षा में बैठ कर पढ़ाई का विकल्प ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो सकती है. कक्षा संचालन बंद होने से औसत स्तर के बच्चों को नुकसान हो रहा है.
वहीं, पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कारगर नहीं है. विद्यार्थी को अगर कोई विषय ठीक से समझ में नहीं आता है कि उसकी रुचि उससे धीरे-धीरे खत्म होने लगती है. ऑफलाइन क्लास बंद होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई की निगरानी ठीक से नहीं हो पा रही है.
posted by : sameer oraon