रांची/नयी दिल्ली : कोयले की कॉमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर हेमंत सोरेन के विरोध को केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि कोविड19 की वजह से निवेशकों के नीलामी में शामिल होने को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो आशंका जतायी है, वह पूरी तरह निराधार है.
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी में रखे गये चार कोयला ब्लॉक को बदलने के आग्रह पर विचार कर रहा है. केंद्रीय कोयला और खान मंत्री ने कहा है कि केंद्र खदानों की नीलामी को लेकर राज्यों के साथ कोई टकराव नहीं चाहता और सभी को साथ लेकर चलना चाहता है.
श्री जोशी ने कहा कि जिन 41 कोयला खदानों को नीलामी के लिए रखा गया था, उसमें से केंद्र ने महाराष्ट्र के बांदेर ब्लॉक को वापस ले लिया है, क्योंकि यह पर्यावरण की दृष्टि से संवेदशील क्षेत्र में पड़ता है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने चार ब्लॉक को लेकर आपत्ति जतायी है.
केंद्रीय खान मंत्री ने कहा, ‘हम उनके साथ चर्चा कर रहे हैं. वे अगर कहते हैं, हम ये ब्लॉक नहीं चाहते, उनके साथ विचार-विमर्श कर हम उसे बदल देंगे. हमें कोई समस्या नहीं है. हम उन खदानों को बदलने के आग्रह पर विचार कर रहे हैं.’ हालांकि, मंत्री ने कहा कि कोयला मंत्रालय को राज्य सरकार से ऐसी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि वह चार खदानों को बदलना चाहती है.
उन्होंने कहा, ‘मुझे चार खदानों के बारे में कोई आधिकारिक पत्र छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से नहीं मिला है. मेरी भुपेश बघेल (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री) से फोन पर बातचीत हुई थी और उन्होंने कहा था कि वह चार खदानों को बदलना चाहते हैं, मैं उसके लिए पूरी तरह तैयार हूं.’
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र किसी के साथ भी टकराव नहीं चाहता है और सभी को साथ लेकर चलना चाहता है. कहा कि हर किसी को साथ लेकर चलने का मेरा विचार है और मैं वह कर रहा हूं.
उन्होंने कहा, ‘जहां तक झारखंड की आशंका का सवाल है, मैंने उन्हें विनम्रता पूर्वक कहा है. मैं झारखंड सरकार के खिलाफ कोई बात नहीं कर रहा. मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि उनकी आशंका निराधार है. इसमें कोई तर्क नहीं है, क्योंकि जो भी निवेश आयेगा, वह एक साल या उसके बाद ही आयेगा.’
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए केंद्र की 41 कोयला ब्लॉक को नीलामी शुरू करने के कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून को 41 कोयला ब्लॉक की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की.
Also Read: टेरर फंडिंग मामले में झारखंड हाइकोर्ट में दिन भर चली बहस, अब 14 जुलाई को होगी सुनवाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की अगुवाई वाली सरकार ने अपनी अर्जी में केंद्रीय कोयला मंत्रालय को खदानों की प्रस्तावित वाणिज्यिक नीलामी निलंबित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण वैश्विक निवेश माहौल नकारात्मक बना हुआ है. ऐसे में इस दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन का इस समय नीलामी के जरिये वाजिब रिटर्न मिलना मुश्किल है.
वाणिज्यिक खनन के लिए चयनित 41 ब्लॉक में से 11 मध्य प्रदेश में, नौ-नौ छत्तीसगढ़, ओड़िशा और झारखंड में तथा तीन महाराष्ट्र में हैं. मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में बिजली की मांग बढ़ेगी आौर जब मांग अधिक होगी, उस समय कोयला उत्पादन के लिए जाना बुद्धिमानी नहीं है. उन्होंने कहा कि योजना पहले से बनानी पड़ती है, ताकि निवेश आये और इसमें निवेश एक साल बाद आयेगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मुझे झारखंड के मुख्यमंत्री से मिलने और उनके साथ बैठक करने को लेकर कोई झिझक नहीं है. मैं उन्हें स्थिति से अवगत कराऊंगा और उनसे आग्रह करूंगा. निवेश के लिए माहौल अच्छा नहीं है, यह संदेश नहीं जाना चाहिए. मैं उनसे सहयोग का आग्रह करूंगा.’
Posted By : Mithilesh Jha
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.