Common Man Issues : रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में शनिवार को सर्वर डाउन होने के कारण मरीज व परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सबसे ज्यादा परेशानी इमरजेंसी में पहुंचे मरीजों को हुई. यहां सुबह के वक्त दाखिल होने वाले मरीजों सबसे ज्यादा परेशानी हुई, उनके बार-बार के आग्रह के बाद कुछ को हाथ से पर्चा बनाकर उनका इलाज किया गया. हालांकि जब ओपीडी खुला तो वहां मरीजों को घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा.
पर्ची कटाने में मरीजों को परेशानी
रिम्स मेडिसिन ओपीडी में दोपहर बाद तीन बजे बड़ी संख्या में मरीज कतार में खड़े थे. मरीजों की तादाद को देखते हुए अस्पताल में काउंटर पर कर्मचारियों ने हाथ से पर्ची और रसीद बनाने का काम शुरू किया. हालांकि, अत्यधिक भीड़ होने के कारण यह व्यवस्था भी ज्यादा देर तक कारगर नहीं हो सकी. बहुत मुश्किल से करीब 15 से 20 फीसदी मरीजों का पर्ची बनायी जा सकी. आपको बता दें कि 27 जनवरी के बाद से यह तीसरा मौका है, जब रिम्स का सर्वर ठप हुआ है. उस वक्त भी करीब दो से तीन घंटों तक रजिस्ट्रेशन बाधित रहा था.
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रात से ही डाउन था सर्वर
अस्पताल में आने वाले मरीजों का कहना है कि पर्ची बनाने के लिए उन्हें एक से चार घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ा. 12:43 में जब सर्वर दोबारा कनेक्ट हुआ तो ओपीडी स्लिप बननी शुरू हो गयी. सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल के कर्मचारियों से बात की गयी तो उनका कहना था कि जब वह पहली शिफ्ट में काम पर आए तो सुबह छह बजे से इंटरनेट नहीं चल रहा था. इसलिए काम नहीं हो सका. इधर, मेन अस्पताल में सुबह 8:30 की शिफ्ट में जब कर्मचारी ने पर्ची (ओपीडी स्लिप) काटने के लिए सिस्टम ऑन किया तो उसका सॉफ्टवेयर काम नहीं कर रहा था. बताया गया कि नेपाल हाउस में मुख्य सर्वर है. वहां वज्रपात के चलते कुछ तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई थी.
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जांच कराने में भी मारामारी
ओपीडी के बाद कैश काउंटर पर भी लोगों को परेशानी हुई. बड़ी संख्या में मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया, यहां भी बहुत सारे कार्य मैनुअल किए गए. मैनुअल पर्ची पर डॉक्टर से जांच लिखवाने के बाद लैब टेस्टों की रसीद कटवाने के लिए मरीजों को दोबारा फिर लाइन में लगना पड़ा और करीब दो से तीन घंटे इंतजार के बाद उनकी बारी आयी. हालांकि, इस दौरान मेडाल लैब में जांच सामान्य तरीके से की जा रही थी.
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काफी देर से लाइन में खड़े मरीज
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया निवासी बटेश्वर हेम्ब्रम ने कहा कि जांच के लिए मैनुअल व्यवस्था न होने से काम ठप है. पिछले तीन घंटे से खड़े हैं, लेकिन लिंक फेल होने के कारण उनके जांच की पर्ची नहीं कट पा रही है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है, काफी दूर से दिखाने आया हूं. वहीं, मरीज नीतीश कुमार ने कहा कि गिरिडीह का रहनेवाला हूं. यहां रांची कॉलेज से पढ़ाई कर रहा हूं. आगे क्लास न छूटे, इसलिए इलाज कराना जरूरी है. काफी देर से कतार में खड़ा हूं. यहां आया तो पता चला कि मरीजों के निबंधन का काम प्रभावित है.
रिपोर्ट : बिपिन सिंह, रांची