Coronavirus In Jharkhand, रांची न्यूज (आनंद राम महतो) : झारखंड में कोरोना ने कई बच्चों को अनाथ कर दिया. रांची के बुंडू में तीन बच्चियां अनाथ हो गयीं. उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया. जनवरी में पिता की मौत के बाद चार माह बाद मां की भी मौत हो गयी. ये दोनों ग्रामीण डॉक्टरों से वायरल बुखार का इलाज कराते रहे लेकिन कोरोना की जांच नहीं करायी. स्थानीय लोगों की मानें, तो जागरूकता के अभाव व कोरोना टेस्ट की सुविधा नहीं होने के कारण इनकी मौत हो गयी. भाजपा नेता ने अनाथ बच्चियों की सुध ली और मदद के साथ पढ़ाई में सहयोग का भरोसा दिया.
रांची के बुंडू अनुमंडल क्षेत्र के तमाड़ प्रखंड स्थित सालगाडीह गांव निवासी राजेश लोहरा (उम्र 37 वर्ष) का कोरोना से पीड़ित होने के कारण जनवरी में ही निधन हो गया था. गरीबी के कारण गांव के ही डॉक्टर से ही इलाज करा रहा था. जागरूकता का अभाव के कारण उसने कोरोना की जांच भी नहीं करायी थी. 4 माह बाद 31 मई को उसकी धर्मपत्नी श्रद्धा देवी की भी मृत्यु हो गई. इसकी भी कोरोना जांच नहीं करायी गयी थी.
पति-पत्नी की मौत के बाद तीन नाबालिग पूजा कुमारी (उम्र 14 वर्ष), निशा कुमारी (11 वर्ष), खुशबू कुमारी (8 वर्ष) अनाथ हो गयी हैं. तीनों नाबालिग बच्चियों की आंखों में आंसू रुक नहीं रहे हैं. पूरा परिवार टूट कर बिखर गया है. उनके रिश्तेदार वर्तमान समय में इनकी देखरेख कर रहे हैं. गांव वाले बताते हैं कि उन दोनों की कोरोना से मौत हुई है. जिस कारण लोग भी मदद करने के लिए नहीं पहुंचे. सरकारी व्यवस्था भी उनके घर तक नहीं पहुंच पाई थी.
गांव में जागरूकता और गरीबी के कारण आज भी लोगों में वायरल बुखार का भय सता रहा है. कोरोना टेस्ट और वैक्सीन लगाने से भी लोग कतरा रहे हैं. ग्रामीण चिकित्सक के कारण कई लोगों का परिवार इस तरह उजड़ गया है. इन अनाथ बच्चों की खबर मिलते ही भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विनोद राय ने उनके घर पहुंचे और कोरोना काल में अनाथ बच्चियों का हमेशा भरणपोषण में सहयोग देने का आश्वासन दिया. इन्होंने 60 किलोग्राम चावल व वस्त्र दिया. अनाथ बच्चियों को कस्तूरबा विद्यालय में दाखिल कराकर पढ़ाने का भरोसा दिया. इस मौके पर लक्ष्मीकांत अहीर, युवराज सिंह ,अमित राय, कुंदन राय, भोला मुखर्जी आदि मौजूद थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra