Coronavirus Update News (मनोज सिंह, रांची) : झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण ने ना सिर्फ लोगों की जिंदगियां छिनी, बल्कि लोगों से उनका रोजगार भी छिन लिया. पहली लहर में जब झारखंड सहित देश भर में लॉकडाउन लगा था, तब राज्य में बेरोजगारी दर पहले से 50 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गयी थी. हालांकि, दूसरी लहर में हेमंत सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सख्ती तो की, पर लोगों के रोजगार पर ज्यादा असर ना पड़े, इसका भी ख्याल रखा. इसका नतीजा यह रहा कि इस बार बेरोजगारी दर में 7 फीसदी का ही इजाफा हुआ. लेकिन, इसे संख्या में तब्दील किया जाये, तो यह संख्या लाखों में होगी.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMII) के आंकड़े के अनुसार, अप्रैल 2021 में झारखंड की बेरोजगारी दर 16.5 फीसदी रही, वहीं नवंबर 2020 में यह 9.5 फीसदी थी. 6 महीने के दौरान औसत बेरोजगारी दर में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल लॉकडाउन के दौरान झारखंड की बेरोजगारी दर काफी अधिक हो गयी थी. मई 2020 में झारखंड की बेरोजगारी दर 59.2 फीसदी पहुंच गयी थी, वहीं अप्रैल 2020 में यह 47.2 फीसदी था.
इससे पहले झारखंड में बेरोजगारी दर 8.2 फीसदी के आसपास थी. जून 2020 से इसमें सुधार होने लगा था. वहीं, जुलाई 2020 में बेरोजगारी दर गिर कर 7.6 फीसदी हो गयी थी. अगस्त महीने के बाद यह फिर बढ़ने लगी थी. नवंबर 2020 तक यह दर 9 से 11 फीसदी के आसपास थी. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण बेरोजगारी दर बढ़ने लगी.
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मई महीने में देश की बेरोजगारी दर 11.6 फीसदी थी. शहरों में बेरोजगारी दर ज्यादा बढ़ी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की तुलना में कम है. राष्ट्रीय औसत से 13.5 फीसदी बेरोजगारी दर शहर और करीब 10.6 फीसदी बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाकों में है. देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर के मामले में झारखंड छठे स्थान पर है. वहीं, पूरे देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में है. यहां बेरोजगारी दर 35 फीसदी पहुंच गयी है.
सेंटर फाॅर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMII) एक निजी संस्था है. यह हर माह बेरोजगारी का सर्वे करती है. यह सैंपल सर्वे के आधार पर डाटा इकट्ठा करती है. सर्वे में कुछ प्रश्न दिये जाते हैं. इसमें मूल प्रश्न यह होता है कि क्या आप काम करना चाहते हैं. अगर करना चाहते हैं और काम नहीं मिल रहा है, तो उसको बेरोजगारी के आंकड़ों से जोड़ा जाता है. सरकारी आंकड़े एक साल बाद में आते हैं. इस कारण कई प्रतिष्ठित रिसर्चर सीएमआईआई के डाटा का इस्तेमाल करते हैं.
माह : बेरोजगारी दर (फीसदी में)
नवंबर 2020 : 9.5
दिसंबर 2020 : 12.4
जनवरी 2021 : 11.3
फरवरी 2021 : 12.2
मार्च 2021 : 12.8
अप्रैल 2021 : 16.5
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राज्य : बेरोजगारी दर (फीसदी में)
हरियाणा : 35.1
राजस्थान : 28
दिल्ली : 27.7
गोवा : 25.7
त्रिपुरा : 17.3
झारखंड : 16.5
इस बार हालात पहले से बेहतर है : हरिश्वर दयाल
यह ठीक है कि बेरोजगारी दर बढ़ी है. लेकिन, स्थिति पिछली बार से अच्छी है. कोरोना संक्रमण के पहले चरण में इसी समय 59 फीसदी बेरोजगारी दर थी. अभी 16.5 फीसदी है. पिछली बार काफी संख्या में प्रवासी मजदूर आ गये थे. इससे बेरोजगारी दर काफी बढ़ गयी थी.
मनरेगा से ही दूर होगी बेरोजगारी : ज्यां द्रेज
ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा से बेरोजगारी दूर होगी. केंद्र मजदूरी पर खर्च कर रही है. राज्य सरकार को बेरोजगारी दर कम करने के लिए इसका पूरा उपयोग करना चाहिए. दु:ख की बात है कि यहां लूटनेवाले ठेकेदार और भ्रष्ट राजनीतिक दल ही इस स्कीम का फायदा उठा रहे हैं.
Posted By : Samir Ranjan.