रांची: कचरा बैटरी निष्पादन को लेकर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने निर्देश जारी किया है. अब खराब बैटरी की रिसाइकल करनेवाली संस्था को प्रदूषण बोर्ड से निबंधन कराना होगा. उपभोक्ता वैसी संस्था को ही बैटरी बेच सकेंगे, जो रिसाइकल करता हो. बैटरी के कचरे से होनेवाले नुकसान को देखते हुए प्रदूषण बोर्ड ने गजट प्रकाशित किया है. बोर्ड ने निर्माता, उपभोक्ता और रिसाइकल करनेवालों के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किया है.
उत्पादक की जिम्मेदारी होगी कि वे ऐसा उत्पाद तैयार करें, जो रिसाइकल हो सके. उनकी जिम्मेवारी कचरा बैटरी संग्रह की भी होगी. उत्पादक कचरा बैटरी का निष्पादन दूसरे तरीके से नहीं कर सकेंगे. उत्पादक अपने लाइसेंस का रिन्युअल अवधि समाप्त होने के 60 दिन के अंदर करेंगे. यदि उत्पादक किसी अन्य प्रकार की बैटरी का निर्माण करेंगे, तो इसकी जानकारी सीपीसीबी को देंगे. उत्पादक को उपभोक्ता से बैटरी खरीदने के लिए स्कीम देना होगा. इसमें रिफंड सिस्टम या बाइबैक की सुविधा हो सकती है.
सीपीसीबी ने कहा है कि यदि कोई भी उत्पादक बैटरी के निष्पादन की जिम्मेदारी नहीं निभायेंगे, तो उनका लाइसेंस रद्द हो सकता है. पर्यावरण क्षति का आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है. राज्य प्रदूषण बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि विधिवत रिसाइकल नहीं करनेवाली एजेंसियों की सूची तैयार करें.
उपभोक्ता की जिम्मेदारी होगी कि कचरा बैटरी को घरेलू कचरे के साथ मिला कर नहीं रखेंगे. उपभोक्ता खुद अपने स्तर से बैटरी का निष्पादन नहीं करेंगे. इसके लिए अधिकृत रिसाइकल करनेवालों के पास ही बैटरी जमा करना होगा. सीपीसीबी ने कहा कि कचरा बैटरी का निष्पादन पब्लिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से किया जा सकता है. पब्लिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की जिम्मेदारी होगी कि वे कचरा बैटरी रिसाइकल करनेवालों को दें.