रांची : झारखंड में सड़क दुर्घटना में रोजाना औसतन 10 लोगों की मौत हो जाती है. इस आलोक में झारखंड सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. सड़क हादसे में मौत होने पर अब मृतक के परिजनों को एक लाख रुपये मुआवजा दिया जायेगा. झारखंड आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से मुआवजा राशि दी जायेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता हुई विभागीय समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिया गया है.
झारखंड में रोजाना औसतन 10 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है. इस कारण झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने हादसों में होने वाली मौत को आपदा की श्रेणी में डालने का फैसला किया. आपको बता दें कि पहले ये मौतें आपदा की श्रेणी में शामिल नहीं थीं.
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झारखंड के अधिकारियों ने जानकारी दी कि झारखंड संभवतः पहला राज्य है, जहां पर सड़क हादसों में हुई मौत के लिए सरकार मुआवजा देगी. हालांकि ये नियम सड़क हादसे में मौत होने पर ही लागू होगा.
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झारखंड आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव मनीष तिवारी ने बताया कि पहले सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतें केंद्र या राज्य आपदा सूची में शामिल नहीं थीं. अब इसे राज्य आपदा सूची में शामिल करने का फैसला किया गया है. कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी.
झारखंड परिवहन विभाग के पास उपलब्ध रिकॉर्ड की मानें, तो झारखंड में हर साल पांच हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. तीन हजार से अधिक लोगों की मौतें होती हैं. वर्ष 2018 में झारखंड में 5394 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इसमें 3542 लोगों की मौत हुई. वर्ष 2017 में 3256 और वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 3027 लोगों की मौत हुई. वर्ष 2019 में झारखंड में 5215 दुर्घटनाएं हुईं. वर्ष 2020 में अक्टूबर तक 3366 सड़क हादसे हुए हैं. इसमें 2294 लोगों की मौत हुई है.
Posted By : Guru Swarup Mishra