Deoghar Ropeway Accident: झारखंड के देवघर जिले के त्रिकूट पर्वत पर पिछले 10 अप्रैल को रोपवे दुर्घटना की जांच तकनीकी पेंच में फंस गयी है. इस हादसे को लेकर राज्य सरकार ने 19 अप्रैल को वित्त सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति बनायी थी. कमेटी को दो माह में जांच रिपोर्ट देनी थी, लेकिन पांच माह बीत गये. अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी है. बताया जा रहा है कि विशेषज्ञ नहीं होने के कारण जांच तकनीकी पेंच में फंस गयी है.
झारखंड के देवघर रोपवे हादसे को लेकर गठित जांच समिति को दो माह में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन तकनीकी कारणों से पांच माह बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है. बताया जा रहा है कि एक्सपर्ट का अभाव होने के कारण जांच अधर में लटकी है. रोप-वे का शॉफ्ट टूटने और मशीन की अन्य तकनीकी खामियों के कारणों की जांच के लिए कमेटी ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) से आग्रह किया है. सीएसआइआर ने बताया था कि रिपोर्ट देने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगेगा. वह भी समय पूरा हो चुका है. अब तक मशीन की तकनीकी जांच रिपोर्ट कमेटी को प्राप्त नहीं हुई है.
झारखंड के देवघर स्थित त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसा में ट्रॉली में फंसे लोगों में से कुल 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गयी थी. लोगों की जिंदगी बचाने के लिए सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी समेत सेना के अन्य जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद जान जोखिम में डालकर ट्रॉली में फंसे लोगों को नयी जिंदगी दी थी. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया था और जांच कमिटी गठित की थी.
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