रांची : राज्य के अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन दिलाने में देरी व शिथिलता के कारण हाइकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग को आर्थिक दंड लगाया है. इसके तहत इस मामले से जुड़े सभी याचिकाकर्ता को 50-50 हजार रुपये अतिरिक्त देने का आदेश दिया है. हाइकोर्ट के अादेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने पाया कि रांची विवि, विनोबा भावे विवि व कोल्हान विवि में वित्त सहित अन्य पदों पर नियुक्त ऐसे 73 शिक्षक व कर्मचारी हैं, जो याचिकाकर्ता भी हैं.
इस तरह कुल 73 शिक्षकों व कर्मचारियों पर कुल 36 लाख 50 हजार रुपये खर्च हो रहे थे. विभाग ने उन पर लगाये दंड की राशि संबंधित विवि को ही याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया. उच्च शिक्षा निदेशक ने विवि को पत्र भेज कर कहा कि प्रति शिक्षक व कर्मचारी को 50-50 हजार रुपये देने हैं. विवि अपने पीएल एकाउंट से राशि का भुगतान कर दे. साथ ही यह भी कहा कि अगर पीएल एकाउंट से भुगतान करने में किसी तरह की कठिनाई हो, तो विवि अपने आंतरिक स्रोत से राशि का भुगतान कर दे. जिसकी पूर्ति पीएल खाता में पेंशन मद के लिए प्राप्त राशि से की जायेगी.
इधर सिर्फ याचिकाकर्ता को ही अतिरिक्त 50-50 रुपये देने व पेंशन का भुगतान करने के बाद लगभग 206 शिक्षकों में कई अौर शिक्षकों ने भी कोर्ट का सहारा लिया है. जबकि कई शिक्षक अपने अधिवक्ता से संपर्क कर रहे हैं. मालूम हो कि हाइकोर्ट के निर्देश के बाद रांची विवि ने 71 शिक्षकों व कर्मचारियों (इनमें कोल्हान विवि भी शामिल) को लगभग 50 प्रतिशत पेंशन व आर्थिक दंड की राशि का भुगतान किया है. वहीं विनोबा भावे विवि/विनोद बिहार महतो कोयलांचल विवि द्वारा अन्य शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन व आर्थिक दंड का भुगतान किया है.
posted by : sameer oraon