रांची नगर निगम से बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनाना काफी मुश्किल काम हो गया है. अगर बच्चे के जन्म के 21 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र बना लिया, तो ठीक है. अगर एक साल बाद बनाने की सोचा रहे हैं, तो फिर कार्यालय का चक्कर काटने को तैयार रहिए, क्योंकि रांची के काबिल अफसरों ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया इतनी जटिल बना दी है कि अभिभावक हांफ रहे हैं. रांची में जो-जो शर्तें अभिभावकों के सामने रखी गयी हैं, वह राज्य के अन्य जिलों के नगर निकायों में नहीं हैं.
रांची नगर निगम
सबसे पहले अभिभावक को शपथ पत्र, माता-पिता दोनों का आधार कार्ड, आसपास के दो लोगों का आधार कार्ड, अस्पताल में जन्म नहीं होने पर आंगनबाड़ी सेविका की प्रतिवेदन पंजी व स्वघोषणा पत्र के साथ आवेदन करना पड़ता है. निगम से आवेदन जब एसडीओ कार्यालय पहुंचता है, तो अभिभावक को एसडीओ कार्यालय बुलाया जाता है. यहां अभिभावक को चार पन्ने का (अंग्रेजी में) फॉर्म भरने के लिए दिया जाता है. इसके बाद आसपास के दो लोगों की गवाही की तिथि निर्धारित की जाती है. निर्धारित तिथि पर दोनों लोगों को लेकर एसडीओ कार्यालय पहुंचना पड़ता है. यहां मजिस्ट्रेट अभिभावकों से सवाल करते हैं. संतुष्ट होने पर यहां से आवेदन का अनुमोदन किया जाता है. इसके बाद आवेदन निगम में आता है. फिर यहां से प्रमाण पत्र बनाकर दिया जाता है.
मेदिनीनगर नगर निगम
एक साल से ऊपर के बच्चों के लिए सबसे पहले एसडीओ से अनुमति ली जाती है. इसके लिए बच्चे का फोटो, परिजन का प्रमाण पत्र, शपथ पत्र व दो पड़ोसियों का आधार कार्ड लिया जाता है. एसडीओ से अनुमति मिलने के बाद नगर निगम द्वारा प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है.
चास नगर निगम
एक साल से ऊपर के बच्चों के लिए अभिभावक को नोटरी पब्लिक से शपथ पत्र बनवाना पड़ता है. इसके बाद खुद का आधार कार्ड व एक गवाह के नाम के साथ आवेदन जमा करना पड़ता है. एसडीओ कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद नगर निगम प्रमाण पत्र जारी कर देता है.
हजारीबाग नगर निगम
हजारीबाग नगर निगम में भी एक साल से अधिक उम्र के बच्चों के प्रमाण पत्र के लिए अभिभावक का प्रमाण पत्र, शपथ पत्र व गवाह के लिए दो पड़ोसियों का प्रमाण पत्र लिया जाता है. सभी आवेदनों के साथ एसडीओ के यहां गवाही होने के बाद निगम प्रमाण पत्र जारी कर देता है.
जन्म प्रमाण पत्र बनाने में आ रही समस्या को देखते हुए प्रक्रिया में कुछ शिथिलता बरतने का निर्देश दिया गया है. अभिभावकों से भी एक साल के अंदर प्रमाण पत्र बनाने का आग्रह किया जा रहा है, ताकि आसानी से प्रमाण पत्र बन जाये.
-राहुल कुमार सिन्हा, डीसी, रांची