Ranchi News: डिजिटल दुनिया को किसी परिभाषा की जरूरत नहीं है. आज कल सबकुछ डिजिटल हो गया है. फिर चाहे पढ़ाई करनी हो या कोई और काम. यहां हर दूसरे हाथ में स्मार्ट फोन, स्मार्ट वॉच, आइफोन, आइपॉड, आइपैड व टैब नजर आता है. यही वजह है कि दुनिया में जो कुछ भी नया हो रहा, वह चंद मिनटों में हमारे पास पहुंच जा रहा है. इन सब चीजों से छोटे बच्चे भी वाकिफ हैं. कुछ स्मार्ट लोग इंटरनेट पर अपनी कल्पनाशीलता यानी क्रिएटिविटी को नया आयाम दे रहे हैं. इन्हें ही ”डिजिटल कंटेंट क्रिएटर” नाम दिया गया है. रांची में भी कई डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो तेजी से इस क्षेत्र में अपना मुकाम तय कर रहे हैं. पार्ट टाइम से शुरू हुआ डिजिटल कंटेंट क्रिएटर का पेशा अब फुल टाइम बन चुका है. कई युवा बड़े ब्रांड के साथ मिल कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.
थड़पकना निवासी हर्ष सोनी उर्फ वॉयड थ्रॉब दो वर्षों से कंटेंट क्रिएटर के रूप में काम कर रहे हैं. रियलमी, रेडबुल, ओला जैसे ब्रांड के लिए डिजिटल कंटेंट तैयार कर चुके हैं. हर्ष ने बताया कि कंटेंट में बिटबॉक्सिंग स्किल का इस्तेमाल करते हैं. इ-मेल के जरिये ब्रांड से जुड़े और डिजिटल विज्ञापन का अपना आइडिया साझा किया. आइडिया फाइनल होने के बाद प्रमोद कुमार और गौतम के साथ विजुअल काम पूरा किया. हर्ष के कंटेंट को देखते हुए मार्च 2022 में रियलमी ने इन्हें फोटो एक्सपीडिशन में शामिल किया, जहां देश भर से नौ डिजिटल कंटेंट क्रिएटर चुने गये थे. हर्ष प्रतिमाह 20 से 30 हजार रुपये की कमाई कर रहे हैं.
वर्द्धमान कंपाउंड निवासी पेशे से कंपनी सेक्रेट्री (सीएस) श्रेयसी गुहा सरकार अब फुल टाइम कंटेंट क्रिएटर बन चुकी है. वह सीएस की नौकरी छोड़ चुकी है. फूड ब्लॉगिंग से शुरू हुई इनकी जर्नी ने इन्हें बड़े ब्रांड के लिए कंटेंट क्रिएटर के रूप में स्थापित किया है. श्रेयसी 2019 से अब तक प्रेस्टिज, सफोला, क्विकर ओट्स, जलान सत्तू, डवीडॉफ, बादाम टी जैसे ब्रांड के लिए कंटेंट तैयार कर चुकी है. इनके ज्यादातर कंटेंट प्रोडक्ट के इस्तेमाल और फूड रेसिपी पर आधारित होते हैं. सोशल मीडिया में इनके शेयर किये गये शॉर्ट वीडियो को देखकर ही कंपनियां जुड़ रही हैं. प्रतिमाह 30 हजार या इससे अधिक की कमाई हो रही है.
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सेल सिटी की रागिनी चौहान फुल टाइम क्रिएटर बन चुकी है. लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे नायका, लैकमे, वेलोरा कॉस्मेटिक्स, नेचर एसेंस समेत जैक एंड जोन्स, कंट्री बिन कॉफी जैसे ब्रांड के लिए कंटेंट तैयार कर रही है. रागिनी लोगों को हंसाकर प्रोडक्ट की खासियत साझा करती है, जिसे लोग समझकर खुद के लिए चुनते हैं. उन्होंने बताया कि कंटेंट क्रिएट करते वक्त अपने दर्शकों का ध्यान रखना जरूरी है. इससे लोगों को कंटेंट से जोड़ना आसान होता है. अलग-अलग ब्रांड के साथ जुड़ कर रागिनी प्रतिमाह 35 हजार रुपये से अधिक कमा रही है.
सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल से डिजिटल कंटेंट को जगह मिलने लगी है. डिजिटल कंटेंट को लोग देख और सुनकर आनी से समझ रहे हैं. यही कारण है कि यूट्यूब, इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म डिजिटल कंटेंट को बढ़ावा दे रहे हैं. इससे लोगों को रोजगार का मौका मिल रहा है. डिजिटल कंटेंट क्रिएटर अपने क्रिएटिव आइडिया से ड्रीम इट, विश इट और अचीव इट के मूलमंत्र को फॉलो कर कंटेंट को धरातल पर उतार रहे हैं. बड़े ब्रांड अब डिजिटल प्रमोशन के लिए भी कंटेंट क्रिएटर का सहारा ले रहे हैं. इससे लोगों के बीच नयी और आसान भाषा में सामग्री परोसी जा रही है. इस पेशे से युवा तेजी से जुड़ कर रोजगार कर रहे हैं.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के रूप में जगह बनाने के लिए युवाओं को सबसे पहले पोर्टफोलियो तैयार करने की जरूरत है. शुरुआत में युवाओं को हैशटैग # से मदद मिलती है. अपने ऑडियो-वीडियो कंटेंट के साथ युवाओं को कंटेंट से संबंधित हैशटैग का इस्तेमाल करना होता है, इससे संबंधित ब्रांड की डिजिटल सूची में यह कंटेंट शामिल हो जाता है. लोगों की ओर से कंटेंट को पसंद किये जाने पर यह स्वत: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हिट करता है.
रांची के हरमू की रहनेवाली दीपशिखा पेशे से एचआर हैं. इसके साथ ही पार्ट टाइम फैशन एंड लाइफ स्टाइल ब्रांड के लिए डिजिटल कंटेंट तैयार कर रही हैं. दीपशिखा एमेजन, निविया, कामा आयुर्वेदा, ब्लू हेवन, बॉयला, जीवा, अमेरिकल इगल और बेवकुफ डॉट कॉम के लिए कंटेंट तैयार कर चुकी हैं. कंटेंट के दम पर इन्हें मेटा क्रिएटर्स डे में शामिल होने का अवसर मिला, जहां इन्होंने झारखंड का नेतृत्व किया. दीपशिखा तीन वर्षों से कंटेंट क्रिएशन का काम पार्ट टाइम कर रही हैं. इससे प्रतिमाह 20 से 25 हजार रुपये कमा रही हैं.
छवि गुप्ता व अनिता गुप्ता (मां-बेटी) सोशल मीडिया पर अक्सर ट्रेंड करती नजर आती हैं. छवि इन दिनों यूएस के इंडियाना यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रही है. पिस्का मोड़ निवासी छवि पार्ट टाइम ब्रांड के लिए डिजिटल कंटेंट तैयार कर रही हैं. कंटेंट में बिहारी भाषा के इस्तेमाल से इन्हें पहचान मिली. बीते वर्ष गुची के बेल्ट से कंटेंट हिट होने के बाद इन्हें कई बड़े ब्रांड के साथ काम करने का मौका मिला. अब तक अमेजन, एयरटेल, स्मार्ट बाजार, रैपिडो जैसे ब्रांड के लिए कंटेंट तैयार कर चुकी है. छवि कहती है कि कंटेंट में ह्यूमर और इंटरटेनमेंट होना जरूरी है. प्रतिमाह 50 हजार से एक लाख तक की कमाई कर रही है.
लालपुर के अंकुश कसेरा के फोटो अक्सर नेशनल ज्योग्राफी और डिस्कवरी के ऑफिशियल पेज पर साझा किये जाते हैं. हाल ही में नेचर ऑप्टिकल इल्यूजन पर आधारित इनकी तस्वीर को डिस्कवरी पर साझा किया गया था. अंकुश कहते हैं कि इनके ट्रैवल ब्लॉगिंग देखकर रॉयल एनफील्ड, रेडबुल और हॉन्डा जैसे ब्रांड ने संपर्क किया और डिजिटल कंटेंट तैयार करने को कहा. शॉर्ट वीडियो तैयार करने के लिए कंपनियों ने इन्हें लांच होने वाली गाड़ियां उपलब्ध करायीं. कंटेंट के लिए वे विकल्प आधारित काम चुनते हैं. बड़े ब्रांड के साथ लंबे समय तक जुड़े रहने के विकल्प को ही अपनी कमाई मानते हैं.