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Explainer : झारखंड में खनन से नुकसान की भरपाई में कितना मददगार है DMFT फंड, खान सचिव ने कही ये बात

Jharkhand News : डीएमएफटी (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट) झारखंड को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में मददगार है. माइनिंग क्षेत्र में खनन के कारण होने वाले दुष्प्रभाव की भरपाई के लिए डीएमएफटी लाया गया है. इस फंड के माध्यम से उस क्षेत्र का विकास किया जाता है.

Jharkhand News : डीएमएफटी (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट) झारखंड को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में मददगार है. माइनिंग क्षेत्र में खनन के कारण होने वाले दुष्प्रभाव की भरपाई के लिए डीएमएफटी लाया गया है. इस फंड के माध्यम से उस क्षेत्र का विकास किया जाता है. जरूरत है अधिकारियों द्वारा इस फंड के माध्यम से सही योजनाओं के चयन की. ये बातें शनिवार को खान सचिव अबुबकर सिद्दिकी ने रांची में आयोजित कार्यशाला में कहीं.

डीएमएफटी की गाइडलाइन का गंभीरता से अध्ययन करें अधिकारी

खान सचिव अबुबकर सिद्दिकी ने कार्यशाला में उपस्थित जिलों से आए डीडीसी व डीएमओ को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के परिप्रेक्ष्य में डीएमएफटी बहुत महत्वपूर्ण है. झारखंड के लिए एक मौक़ा है, क्योंकि यहां धनबाद, बोकारो, चाईबासा, रामगढ़ आदि कई खनन क्षेत्र हैं, जहां डीएमएफटी के फ़ंड से कई विकास योजनाएं ली जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि योजनाएं लेने से पूर्व हमें इसकी गाइडलाइन का गंभीरता से अध्ययन कर लेना ज़रूरी है, ताकि सही योजनाओं से लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले.

डीएमएफटी का उपयोग समस्याओं को हल करने में करें

खान सचिव अबुबकर सिद्दीक़ी ने कहा कि डीएमएफ से सम्बंधित जिलों को प्राथमिकता देते हुए उस क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य विकास योजनाओं को प्राथमिकता के साथ लें. उन्होंने निर्देश दिया कि डीएमएफटी फ़ंड को खनन क्षेत्र की विकास योजनाओं में ख़र्च करने का रोडमैप तैयार करें. सरकार ने ग्राम सभा को सशक्त किया है. योजनाओं का चयन करने की शक्ति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि गांव में किस तरह की योजनाओं से लोगों को अधिक से अधिक लाभ होगा, यह उन्हें ही तय करने का अधिकार दिया गया है, इसलिए योजनाओं को ग्राम सभा से स्वीकृत करा कर ही धरातल पर उतारें. उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि द्वारा भी अनुशंसा की गयी योजनाओं को ग्राम सभा की स्वीकृति के बाद ही डीएमएफटी फ़ंड से ख़र्च करें.

गाइडलाइन समझने में मिलेगी मदद

खान निदेशक अमित कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा डीएमएफटी के संदर्भ में जारी गाइडलाइन को समझने में कोई गैप रह गया है, तो इस तरह की कार्यशाला से मदद मिलेगी. इसके साथ ही खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2015 पीएमकेकेकेवाई गाइडलाइन में संशोधन करना है, जिसमें राज्यों से सुझावों की अपेक्षा की गयी है. इस कार्यशाला के माध्यम से इस दिशा में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अधिकारी इस कार्यशाला से लाभ लेकर अपने-अपने क्षेत्र में डीएमएफटी फ़ंड का उपयोग वैसी योजनाओं के लिए करें, जिससे लोगों की अधिक से अधिक समस्याएं दूर हों. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल के लिए डीएमएफटी के तहत ली जाने वाली योजनाओं का रोडमैप तैयार करें.

प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से दी गयी जानकारी

इंडिया जस्ट ट्रांज़िशन सेंटर की निदेशक श्रेष्ठा बनर्जी ने प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से डीएमएफटी की कार्यप्रणाली की जानकारी दी. उन्होंने झारखंड के संदर्भ में डीएमएफ जिलों में ली जानी वाली योजनाओं की जानकारी दी. इसके साथ ही उस क्षेत्र में डीएमएफटी फ़ंड के तहत विकास कार्यों का रोडमैप बताया. कार्यशाला में खान आयुक्त जितेंद्र कुमार सिंह, खान विभाग के संयुक्त सचिव शेखर ज़मुआर, झारखंड के विभिन्न जिलों से आए उपविकास आयुक्त, जिला खनन पदाधिकारी समेत अन्य उपस्थित थे.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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