Jharkhand News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) के बैनर तले राज्य भर के 13,000 डॉक्टर एक मार्च को कार्य का बहिष्कार करेंगे. डॉक्टर अस्पताल आयेंगे, लेकिन मरीजाें को परामर्श नहीं देंगे. हालांकि इमरजेंसी सेवाएं (आपातकालीन परामर्श, प्रसव और पाेस्टमार्टम) बहाल रहेंगी. यह फैसला रविवार को IMA और झासा पदाधिकारियों की बैठक के बाद लिया गया.
करमटोली चौक स्थित आइएमए भवन में स्टेट आइएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि राज्य में डाॅक्टर सुरक्षित नहीं है. गढ़वा सदर अस्पताल के डॉक्टरों और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की मांग को पूरा किया जाये. बाॅयोमिट्रिक उपस्थिति से डाॅक्टरों को मुक्त किया जाये. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी वापस लेने के लिए डॉक्टरों को धमकाया जा रहा है.
पेटरवार में अभी हाल ही में डॉक्टरों के साथ मारपीट की गयी. झासा के अध्यक्ष डॉ पीपी साह ने कहा कि डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हो रही है. यह सांकेतिक आंदोलन है, जिसको व्यापक स्तर पर ले जाया जायेगा. रांची आइएमए के अध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद ने कहा कि प्रताड़ना का मामला बढ़ता जा रहा है. डॉ भारती कश्यप ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग डॉक्टर कई सालों से कर रहे है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है.
मौके पर डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ सुधीर कुमार, डॉ विमलेश सिंह, डॉ राजेश, डॉ सुनील, डॉ रितेश रंजन, डाॅ देवनीश खेस, डॉ विकास, डॉ स्टीफेन खेस व अन्य मौजूद थे.
Also Read: झारखंड को मिली बड़ी सौगात : 6000 करोड़ से इन जिलों में बनेगी सड़क, वाराणसी और बंगाल जाना होगा आसान