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गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने फिर किया टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा पर हमला, दिखाया लोकसभा का आदेश

डॉ दुबे ने कहा कि महुआ मोईत्रा ने किसी और को अपना लॉग-इन आइडी-पासवर्ड देकर लोकसभा के नियमों का उल्लंघन किया है. इसमें साफ-साफ कहा गया है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे.

गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा पर फिर से हमला बोला है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद ने इस बार लोकसभा के आदेशों के जरिए महुआ को गलत साबित करने की कोशिश की है. डॉ दुबे ने कहा है कि महुआ मोईत्रा ने किसी और को अपना लॉग-इन आइडी और पासवर्ड देकर लोकसभा के नियमों का उल्लंघन किया है. गुरुवार (23 नवंबर) को एक्स (ट्विटर) पर लोकसभा के नियमों को साझा करते हुए लिखा- यह है लोकसभा का आदेश. इसमें साफ-साफ कहा गया है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे. इसकी वजह यह है कि सांसद जब सदन में प्रश्न पूछते हैं, तो संसद शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है. इससे शेयर मार्केट, कंपनी की स्थिति में उतार-चढ़ाव, देश की सुरक्षा में सेंध, दूसरे देशों के साथ अपने देश के संबंधों पर समय से पहले जानकारी मिल जाने पर आर्थिक, सुरक्षा से खिलवाड़ हो सकता है. डॉ निशिकांत दुबे ने महुआ मोईत्रा को ‘भ्रष्टाचारी सांसद’ करार देते हुए कहा है कि शायद हीरानंदानी जैसे पीए ने उन्हें यह पढ़कर नहीं बताया? बीजेपी सांसद ने कहा कि यह चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण है.

कैश फॉर क्वेरी मामले में घिरीं महुआ मोईत्रा पर हैं ये आरोप

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों से घिरी हैं. उन पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपना लॉग-इन आइडी और पासवर्ड देने का आरोप है. आरोप है कि हीरानंदानी को महुआ मोईत्रा ने अथॉरिटी दे रखी थी कि उनके आईडी से वह संसद के पोर्टल पर सवाल पूछें. यह भी आरोप है कि इसके बदले में महुआ मोईत्रा ने पैसे और गिफ्ट लिए. डॉ निशिकांत दुबे ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से लिखित शिकायत की और इसकी जांच की मांग की. इसके बाद लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने जांच शुरू की और महुआ मोईत्रा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की. जांच के बीच में ही हीरानंदानी ने स्वीकार किया कि उसने महुआ मोईत्रा के आईडी का इस्तेमाल किया. यह बड़ी भूल थी और इसके लिए उसने माफी भी मांगी. हालांकि, महुआ ने आइडी शेयर करने के अपने फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि लॉग-इन आइडी और पासवर्ड शेयर करने से संबंधित ऐसा कोई नियम नहीं है.

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महुआ प्रकरण के बाद लोकसभा सचिवालय ने बदला नियम

महुआ ने अपने बचाव में जो तर्क दिया, उसे काटने के लिए ही डॉ दुबे ने लोकसभा के नियमों की जानकारी सार्वजनिक की है. उन्होंने कहा है कि यह पोर्टल सिर्फ और सिर्फ सदस्यों के इस्तेमाल के लिए है. इसलिए सदस्यों से निवेदन है कि वे इसकी गोपनीयता को बनाए रखें. महुआ मोईत्रा का यह मामला सामने आने के बाद लोकसभा सचिवालय ने ऑनलाइन पोर्टल के एक्सेस के नियम में बदलाव कर दिया है. नई गाइडलाइन में कहा गया है कि किसी सांसद का पीए अब सीधे सवाल अपलोड नहीं कर पाएगा. वह सिर्फ ड्राफ्ट सेव कर पाएंगे. फाइल सबमिट करने का अधिकार सिर्फ सांसद को ही होगा, जो वे अपने अकाउंट से करेंगे.

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