डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी में कार्यरत शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी आयी है. दरअसल यूनिवर्सिटी के 30 शिक्षकों को जल्द ही प्रोन्नति मिलने वाला है. इसके लिए विवि स्तर पर प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. छह जुलाई को विवि प्रोन्नति स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी. कमेटी में शामिल सदस्य 30-32 शिक्षकों की फाइनल लिस्ट तैयार कर जेपीएससी को भेजा जायेगा.
आयोग से स्वीकृति मिलने के बाद इन शिक्षकों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो जाएगा. इधर, विवि प्रशासन ने सभी विभागों को बोर्ड ऑफ स्टडीज का गठन करते हुए नयी शिक्षा नीति के तहत सिलेबस तैयार कर इसे अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है. सभी प्रोन्नत शिक्षकों की नियुक्ति करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत ही होगी.
यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत रीडर के पद पर आठ वर्ष या फिर एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में पांच वर्ष की न्यूनतम सेवा पूरी करने वाले प्रोफेसर ग्रेड पर प्रोन्नति पाने के योग्य होंगे. बता दें कि इस नीति के तहत विश्वविद्यालय के पीजी विभाग के शिक्षकों के शोध कार्य को प्रोन्नति का आधार बनाया जाएगा, वहीं कॉलेज शिक्षकों के लिए प्रोन्नति का आधार उनके शिक्षण कार्य होंगे. मूक्स व ई-कंटेंट में योगदान देने वाले शिक्षकों को सीएएस के तहत प्रोन्नति में वरीयता मिलेगी.
इस कमेटी में विवि के कुलपति के अलावा विवि के कुछ शिक्षकों रहते हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय के बाहर से दो विशेषज्ञ रहते हैं. नियमानुसार कुलपति द्वारा नामांकित ये विशेषज्ञ प्रोफेसर या प्रधान वैज्ञानिक से नीचे के पद पर नहीं होना चाहिए.