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झारखंड के 180 प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति, अधिकारियों ने सौंपी रिपोर्ट

राज्य के 24 जिलों के 180 प्रखंड सुखाड़ की चपेट में हैं. राज्य के चार जिलों में मध्यम सूखे (मॉडरेट ड्राइ), सात में गंभीर सूखे (सिवियरली ड्राइ) और 13 जिले सूखे के चरम (एक्सट्रिम ड्राइ) पर हैं.

शकील अख्तर

Jharkhand News: राज्य के 24 जिलों के 180 प्रखंड सुखाड़ की चपेट में हैं. राज्य के चार जिलों में मध्यम सूखे (मॉडरेट ड्राइ), सात में गंभीर सूखे (सिवियरली ड्राइ) और 13 जिले सूखे के चरम (एक्सट्रिम ड्राइ) पर हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा 24 जिलों के 126 प्रखंडों में बारिश और बुआई की स्थिति का आकलन करने के बाद तैयार रिपोर्ट में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है. सरकार ने सूखे की स्थिति का आकलन ड्रॉट मैनुअल 2016 में निहित प्रावधान के तहत किया है. सरकार ने पलामू प्रमंडल में सूखे की स्थिति पर विशेष रिपोर्ट के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है.

क्या है अधिकारियों की रिपोर्ट में

रिपोर्ट में बारिश की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि 15 अगस्त 2022 तक सिर्फ पूर्वी और पश्चिम सिंहभूम जिले में बारिश सामान्य है. चार जिलों ( पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा) में 67%-71 % तक कम बारिश हुई है. शेष 18 जिलों में 21%-58 % कम बारिश हुई है. खेती की स्थिति भी पिछले पांच साल के दौरान सबसे खराब है. बारिश की वजह से 15 अगस्त तक धान की बुआई सिर्फ 30% तक ही हो सकी है. 31 जुलाई तक यह 15.78% थी. धान, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की औसत खेती भी सिर्फ 37.19 % हुई है. 15 अगस्त 2022 तक हुई खेती की स्थिति पांच साल के दौरान सबसे खराब स्थिति में है. इससे पहले के पांच वर्षों के दौरान सभी प्रकार की फसलों की बुआई 55%-83% तक हुई है. राज्य के सभी जिलों में फसलों और खेती की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद सुखाड़ की स्थिति का आकलन निर्धारित मापदंड के आधार पर किया गया है.

ऐसी है स्थिति

पहले चरण में बारिश की कमी या स्टैंडराइज्ड परसिपिटेशन इंडेक्स (एसपीआइ) और दूसरे चरण में बुआई, नार्मलाइज्ड डिफरेंस वेजिटेशन इंडेक्स (एनडीवीआइ) और हाइड्रोलॉजिकल इंडेक्स के आधार पर सूखे की स्थिति का आकलन किया जाता है. प्रथम चरण में जिन जिलों या क्षेत्रों का एसपीआइ ऋणात्मक (-1 ) होता है, उस क्षेत्र को सूखे के आकलन के लिए शामिल कर लिया जाता है. एसपीआइ जैसे-जैसे बढ़ते जाता है (-2,-3 आदि), सूखे की गंभीरता बढ़ती जाती है. जिस क्षेत्र का एसपीआइ जितना ज्यादा ऋणात्मक होता है, उसे उतना ज्यादा सूखाग्रस्त माना जाता है. सरकार के सुखाड़ के लिए निर्धारित दोनों चरणों के आधार पर राज्य के 13 जिलों में सूखे की स्थिति को चरम पर माना गया है.

पलामू प्रमंडल पर विशेष रिपोर्ट की मांग

कृषि विभाग ने पलामू प्रमंडल में सूखे की स्थिति पर विशेष रिपोर्ट के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. कृषि निदेशक की अध्यक्षता में बनी इस समिति में भूमि संरक्षण निदेशक, पशुपालन निदेशक के अलावा पलामू के संयुक्त कृषि निदेशक को सदस्य को तौर पर शामिल किया गया है. गढ़वा और लातेहार के जिला कृषि पदाधिकारियों को समिति का सदस्य बनाया गया है. सरकार ने इस समिति के पलामू प्रमंडल की स्थिति का एक सप्ताह के अंदर अपने सुझाव के साथ रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

ड्रॉउट मैनुअल के आलोक में जिलों में सूखे की स्थिति

जिला धान बुआई बारिश एसपीआइ स्थिति

चतरा 17.20% -58% -2.62 अत्यंत सूखा

देवघर 1.12% -54% -2.59 अत्यंत सूखा

धनबाद 6.50% -40% -2.36 अत्यंत सूखा

दुमका 2.48% -50% -2.31 अत्यंत सूखा

गढ़वा 32.47% -55% -2.56 अत्यंत सूखा

गोड्डा 26.81% -68% -3.13 अत्यंत सूखा

हजारीबाग 41.95% -42% -2.03 अत्यंत सूखा

जामताड़ा 8.53% -67% -3.64 अत्यंत सूखा

लातेहार 55.39% -47% -2.04 अत्यंत सूखा

लोहरदगा 56.83% -46% -2.43 अत्यंत सूखा

पाकुड़ 2.02% -71% -2.98 अत्यंत सूखा

पलामू 0.62% -51% -2.18 अत्यंत सूखा

साहिबगंज 15.51% -69% -3.83 अत्यंत सूखा

बोकारो 1.22% -29% -1.91 गंभीर सूखा

सिमडेगा 40.66% -31% -1.66 गंभीर सूखा

गिरिडीह 18.90% -44% -1.74 गंभीर सूखा

गुमला 25.79% -35% -1.75 गंभीर सूखा

कोडरमा 28.10% -45% -1.91 गंभीर सूखा

रामगढ़ 30.68% -31% -1.61 गंभीर सूखा

रांची 28.96% -22% -1.82 गंभीर सूखा

सरायकेला 44.17% -21% -1.11 मध्यम सूखा

पश्चिम सिंहभूम 60.91% -1% -1.19 मध्यम सूखा

खूंटी 25.73% -21% -1.28 मध्यम सूखा

पूर्वी सिंहभूम 13.68% -1% -1.07 मध्यम सूखा

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