Jharkhand News: पिछले दो वर्षों (2020-21) में राज्य में 11 ग्रिड सब स्टेशन का उद्घाटन किया गया है. इसके बनने से जहां डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) कमांड एरिया में निर्भरता कुछ हद तक कम हुई है, वहीं रांची में झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के पांच ग्रिड सब स्टेशन हो गये हैं. ऊर्जा संचरण निगम के एमडी केके वर्मा ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट के अनुसार 29 दिसंबर 2020 से लेकर 29 दिसंबर 2021 तक 11 ग्रिड सब-स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन शुरू हुए. रिपोर्ट के अनुसार, डीवीसी कमांड एरिया में डीवीसी पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में झारखंड तेजी से बढ़ रहा है.
220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन गिरिडीह एवं 220 केवी डबल सर्किट जसीडीह-गिरिडीह ट्रांसमिशन लाइन शुरू हो गयी. गिरिडीह के ही जमुआ में 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन एवं 132 केवी गिरिडीह-जमुआ 23 किमी ट्रांसमिशन लाइन बनी. गिरिडीह में 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन सरिया (क्षमता 100 एमवीए) व 132 केवी गिरिडीह-सरिया 42 किमी ट्रांसमिशन लाइन का भी उदघाटन हुआ. अब पूरे सरिया प्रखंड डीवीसी कमांड से मुक्त हो गया. पूर्व में बहरागोड़ा क्षेत्र में बिजली आपूर्ति डीवीसी पर निर्भर थी. रांची जिले में पूर्व से चार ग्रिड थे. इनमें हटिया-1 व हटिया-2 के अलावा नामकुम ग्रिड और कांके ग्रिड शामिल हैं. 29 दिसंबर 2021 को बुढ़मू ग्रिड का उद्घाटन किया गया. पतरातू ग्रिड का भी उद्घाटन हुआ. पतरातू में राज्य का सबसे बड़ा ग्रिड बना है. इसकी क्षमता 630 मेगावाट है. इसे बुढ़मू ग्रिड से जोड़ दिया गया है. इससे रातू, बुढ़मू, मांडर, बेड़ो व लोहरदगा इलाके में बिजली की समस्या न के बराबर रहेगी.
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डीवीसी कमांड एरिया के अलावा संताल परगना में भी ग्रिड व ट्रांसमिशन लाइन का विस्तार हुआ है. जसीडीह में 400 एमवीए क्षमता का 220/132/33 ग्रिड सब स्टेशन है. वहीं, गोड्डा जिले के गांधीग्राम में 220/132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण पूरा कर इस ग्रिड सब स्टेशन को ललमटिया ग्रिड सब स्टेशन से 220 केवी संचरण लाइन से जोड़ा गया.
रिपोर्ट: सुनील चौधरी