Jharkhand News: खनन घोटाले में साहिबगंज मंडल कारा में बंद विजय हांसदा ने खुलासा किया है कि जेल जाने से पहले पुलिसवालों ने उससे जबरन दबाव देकर सादा कागज पर हस्ताक्षर कराया था. जिसका इस्तेमाल उसके द्वारा विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव और पंकज मिश्रा पर किये गये केस को वापस लेने के लिए किया गया. उसने यह जानकारी इडी को शुक्रवार को तीन घंटे तक हुई पूछताछ में दी. इडी की तीन सदस्यीय टीम असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा के नेतृत्व में साहिबगंज मंडल कारा पहुंची थी. विजय हांसदा ने ईडी की टीम को कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां दी है. इस आधार पर साहिबगंज के पुलिस अफसरों से भी जांच एजेंसी पूछताछ कर सकती है. मंगलवार को दुमका रेंज डीआइजी सुदर्शन मंडल ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि विजय हांसदा ने अधिवक्ता के माध्यम से केस को वापस ले लिया था.
विजय हांसदा से पूछताछ के बाद शुक्रवार की दोपहर तीन बजकर 15 मिनट में रणचारा स्थित मेसर्स सत्यनाथ साह के क्रशर में छापेमारी की गयी. इस दौरान क्रशर मालिक व मजदूर मौके से फरार मिले. यहां से इडी की टीम बरहेट रवाना हो गयी. दाहू यादव की तलाश में इडी छापेमारी कर रही है.
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विजय हांसदा से जुड़े मामले में डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने दुमका रेंज डीआइजी सुदर्शन मंडल से जांच प्रतिवेदन मांगा है. मंगलवार को दुमका रेंज डीआइजी सुदर्शन मंडल ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि विजय हांसदा ने अधिवक्ता के माध्यम से केस को वापस ले लिया था. वहीं साहिबगंज मंडल कारा में बंद विजय हांसदा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट को जानकारी दी है कि उसे पुलिस ने दबाव देकर जबरन सादा कागज पर हस्ताक्षर कराया था. वह केस वापस लेना नहीं चाहता है.
अधिवक्ता राजीव कुमार कैश कांड में हाइकोर्ट के आदेश की कॉपी सीबीआइ मुख्यालय को भेजी गयी. हाइकोर्ट ने इस मामले में इडी द्वारा गिरफ्तार कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई के बाद मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश की कॉपी मिलने के 15 दिनों के अंदर पीइ दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता ने न्यायालय, इडी और सरकार के अधिकारियों को बदनाम करने कोशिश की. यह एक गंभीर मामला है. जनता निष्पक्ष जांच चाहती है. इसलिए इस मामले में याचिकादाता की भूमिका की जांच सीबीआइ को देना उचित है.