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झारखंड : ईडी ने हरीश यादव को कोर्ट में किया पेश, बीरेंद्र राम की काली कमाई के लिए बनायी थी फर्जी कंपनी

ईडी ने बीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव को पीएमएलए के विशेष कोर्ट में पेश किया. इस दौरान पूछताछ के लिए पांच दिनों रिमांड मांगी. इस पर कोर्ट ने चार दिनों की रिमांड दिया. मूल रूप से राजस्थान का रहनेवाला हरीश यादव दिल्ली के सीए मुकेश मित्तल का सहयोगी है.

Jharkhand News: सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव को ईडी ने गुरुवार को पीएमएलए के विशेष कोर्ट में पेश किया. इस दौरान ईडी ने कोर्ट में हरीश यादव के कारनामों की जानकारी दी. गुरुवार को पीएमएलए के विशेष कोर्ट में हरीश को पेश करते हुए ईडी ने आग्रह किया कि मामले में पूछताछ के लिए उसे पांच दिनों की रिमांड पर दिया जाये. कोर्ट ने हरीश यादव से पूछताछ के लिए ईडी को चार दिनों की रिमांड दी. ईडी ने कोर्ट को बताया कि हरीश मूल रूप से राजस्थान का रहनेवाला है. वह दिल्ली के सीए मुकेश मित्तल का सहयोगी है. बीरेंद्र राम की नाजायज कमाई की लाउंड्रिंग में वह शामिल है. उसने सीए के कहने पर सीए के ड्राइवर के बेटे मनीष के खाते में 10 लाख रुपये जमा किये थे, जिसके बदले उसे 2000 रुपये कमीशन मिले थे. हरीश ने ओइकूल टेक्नोलॉजी के नाम से खुद भी एक कंपनी बनायी थी. उसने 10 लाख रुपये इसी कंपनी के खाते से ट्रांसफर किये थे.

हवाला व अन्य माध्यमों से सीए तक पहुंचाता था पैसा

ईडी ने कोर्ट को बताया कि जांच में पाया गया कि बीरेंद्र राम टेंडर से कमीशन के तौर पर होनेवाली अपनी काली कमाई को हवाला सहित अन्य माध्यमों से सीए मुकेश मित्तल के पास पहुंचाता था. सीए इसकी लाउंड्रिंग कर बीरेंद्र की पत्नी राजकुमारी और पिता गेंदा राम सहित अन्य रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर करता था. इस काम को अंजाम देने के लिए सीए के सहयोग से तारा चंद ने अपनी तस्वीर का इस्तेमाल कर फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाये थे. इन्हीं फर्जी दस्तावेज के आधार पर तीन कंपनियां बनायी गयी थीं. इसमें खाटू श्याम ट्रेडर्स, ओम ट्रेडर्स और अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स शामिल हैं. इन कंपनियों का बैंक खाता दो मोबाइल नंबरों से लिंक्ड है. जांच में पाया गया कि इन कंपनियों में कुल 121 करोड़ रुपये जमा किये गये और लाउंड्रिंग कर दूसरे लोगों के खातों में ट्रांसफर किये गये हैंं. इन्हीं कंपनियों के खातों के माध्यम से गेंदा राम और राजकुमारी के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किये गये.

हरीश के पास रहता था तीनों कंपनियों से लिंक्ड मोबाइल

जांच में पाया गया कि हरीश यादव के पास फर्जी दस्तावेज पर खोली गयी तीनों कंपनियों से लिंक्ड मोबाइल रहता था. खातों से पैसा ट्रांसफर करने की स्थिति में वह नीरज मित्तल या ताराचंद को बैंक द्वारा भेजे गये ओटीपी की जानकारी देते थे. हरीश ने अपने नाम पर भी ओइकूल टेक्नोलॉजी नाम की कंपनी बना रखी थी. वह अपनी इस कंपनी से भी मनी लाउंड्रिंग करता था. उसने बीरेंद्र राम की काली कमाई में से 10 लाख रुपये की लाउंड्रिंग की और मनीष के खाते में ट्रांसफर किया. बाद में यह रकम गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर की गयी. हरीश को यह रमक हवाला कारोबारी राम प्रकाश भाटिया ने दी थी. इडी ने कोर्ट को बताया कि ताराचंद, राम प्रकाश भाटिया और नीरज मित्तल को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है.

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केस रिओपेन करने की अनुमति नहीं, ईडी की रिपोर्ट पर दर्ज होगा नया केस

ग्रामीण विकास विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा की गिरफ्तारी के दौरान एसीबी द्वारा एक कमरे से 2.67 करोड़ रुपये की बरामदगी के केस में बीरेंद्र राम की भूमिका पर अनुसंधान के लिए केस रीओपेन नहीं किया जायेगा. बीरेंद्र राम वर्तमान में चीफ इंजीनियर के पद से निलंबित है. एसीबी ने न्यायालय से केस को रीओपेन करने का अनुरोध किया था. लेकिन, इस अनुरोध को मेंटनेबल नहीं मानते हुए न्यायालय ने कहा कि इसमें काफी देर हो चुकी है. चूंकि अभी केस ट्रायल के स्टेज पर है. ऐसे में आप चाहें, तो नया केस दर्ज कर सकते हैं. इधर, इडी की रिपोर्ट और अनुशंसा के आधार पर सरकार ने जल संसाधन विभाग द्वारा इंजीनियर बीरेंद्र राम के खिलाफ तत्काल नया केस दर्ज करने की अनुमति दे दी है. इस पर मुख्यमंत्री की ओर से सहमति दे दी गयी है. सरकार से आदेश मिलने के बाद एसीबी के अधिकारी मामले में केस दर्ज आगे अनुसंधान करेंगे.

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