रांची : पश्चिम बंगाल में तबाही मचाने वाले प्रचंड चक्रवात ‘अम्फान’ का अगले 24 घंटे तक झारखंड के कई जिलों में असर देखा गया. गुरुवार (21 मई, 2020) को मौसम विभाग ने यह जानकारी दी. विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान संथाल परगना के जामताड़ा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज जिला में 20 से 30 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. इन जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश भी होगी.
मौसम विभाग ने कहा है कि राजधानी रांची में आसमान में बादल छाये रहेंगे और हल्की वर्षा होगी. हालांकि, झारखंड के अन्य जिलों के बारे में विभाग ने कहा है कि आसमान में बादल दिखेंगे, लेकिन अधिकतर जगहों पर बारिश नहीं होगी. मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल सागर के तट से टकराने के बाद प्रचंड हुए चक्रवात अम्फान का असर रांची ओर जमशेदपुर में भी देखा गया.
विभाग के मुताबिक, जमशेदपुर में 46 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलीं, जबकि रांची में हवाओं की गति 30 किलोमीटर थी. गुरुवार को भी हवा और बारिश का दौर जारी रहा. बुधवार को राजमहल, महेशपुर, मसानजोड़, जमशेदपुर, पाकुड़, मोहारो, कोनेर, पुटकी, चाईबासा, देवघर, गोड्डा, बोकारो और तेनुघाट में वर्षापात दर्ज किया गया.
सबसे ज्यादा 60 मिलीमीटर वर्षा राजमहल और महेशपुर में दर्ज की गयी. जमशेदपुर, मसानजोड़ और पाकुड़ में 50-50 मिमी वर्षा हुई, तो कोनेर, मोहारो एवं पुटकी में 30-30 मिमी बारिश हुई. चाईबासा, देवघर, गोड्डा, बोकारो और तेनुघाट में 20-20 मिमी वर्षा हुई.
ज्ञात हो कि अम्फान तूफान साहिबगंज से 200 किलोमीटर पूर्व में समुद्र के तट से टकराया था. अब कुछ ही घंटों बाद यह चक्रवाद कमजोर पड़ जायेगा और इसके बाद निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा, जिससे झारखंड में कुछ जगहों पर वर्षा हो सकती है.
गुरुवार को रांची और चतरा में बारिश हुई. चतरा जिला के इटखोरी में सुबह से ही मौसम का मिजाज बदल गया था. रिमझिम बारिश की फुहारें पड़ रही थीं. ठंडी हवाएं भी चल रही थी. रांची में तेज हवा के कारण पिछले तीन-चार दिन से पड़ रही गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिली.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना एवं पूर्वी मेदिनीपुर के अलावा इनके बीच पड़ने वाले 4 अन्य जिलों (हावड़ा, हुगली, कोलकाता और उत्तर 24 परगना) में चक्रवात ‘अम्फान’ ने भारी तबाही मचायी है. बुधवार (20 मई, 2020) को दोपहर 2:30 बजे दीघा के समुद्र तट से टकराने के बाद 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटीय क्षेत्रों में तूफान ने तांडव मचाना शुरू किया.
चक्रवात ने रात 11:30 बजे तक तांडव मचाया. गुरुवार (21 मई, 2020) की सुबह मौसम विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक गणेश कुमार दास ने बताया कि रात 11:30 बजे तूफान कमजोर पड़ा और धीरे-धीरे बांग्लादेश की ओर बढ़ गया. वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिला में सबसे ज्यादा बर्बादी हुई है.
ममता बनर्जी ने बताया कि यह 300 साल बाद आया सबसे शक्तिशाली तूफान था. वर्ष 1737 में ऐसा भयंकर तूफान बंगाल में आया था. तब भी बड़ी तबाही मची थी. प्रशासन की सतर्कता की वजह से इस बार नुकसान कम हुआ है. उन्होंने बताया कि उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं. दोनों जिले राज्य के बाकी हिस्से से कट गये हैं.