झुंड से बिछड़े हाथी ने मंगलवार सुबह इटकी प्रखंड के कई गांवों में उत्पात मचाया और एक महिला समेत चार ग्रामीणों को कुचल कर मार डाला. वहीं, एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया. मृतकों में मोरो बोड़ेया निवासी सुखवीर किंडो (60), चचगुरा निवासी पुनई उरांव (60), गोयंदा उरांव (65) व गढ़गांव निवासी रधवा देवी (55) शामिल हैं. वहीं, बोड़ेया निवासी एतवा उरांव गंभीर रूप से घायल है. इधर, हाथी को देखने के लिए उमड़ रही भीड़ और उसके साथ छेड़छाड़ को रोकने के लिए अनुमंडल प्रशासन ने इटकी क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दी है.
जानकारी के अनुसार, बोड़ेया निवासी सुखवीर किंडो तड़के 5:00 बजे अपनी फसलों का पटवन करने के बाद तीन लोगों के साथ खेत के किनारे सो रहा था, तभी अचानक वहां हाथी आ धमका. हाथी ने पहले एतवा उरांव को सूंड में लपेट कर दूर फेंक दिया और सुखवीर को पैरों से रौंद कर मार डाला. इसके बाद हाथी चचगुरा स्थित चुंका टोली पहुंचा. यहां पुनई उरांव व महिला रधवा देवी को अपनी चपेट में लिया. पुनई की मौत हो गयी, जबकि ग्रामीण गंभीर रूप से घायल रधवा को इलाज के लिए रिम्स ले गये, जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुनई को कुचलने के बाद हाथी उसके शव के पास ही बैठा रहा. इस दौरान ग्रामीणों व वन विभाग के अधिकारियों ने हाथी को वहां से भगाने का प्रयास किया, जिससे हाथी गुस्से में आकर चिंघाड़ने लगा और भीड़ की ओर दौड़ पड़ा. इस दौरान हाथी ने एक ग्रामीण गोयंदा उरांव को सूंड में लपेट कर दूर फेंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. ग्रामीण आनन-फानन में उसे इलाज के लिए बेड़ो ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत है. गांव के लोग रातभर जाग कर गांव की पहरेदारी कर रहे हैं.
घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे. विभाग की ओर से मारे गये लोगों के परिजनों को तत्काल सहायता के रूप में 25-25 हजार रुपये की राशि दी गयी. वहीं, कागजी कार्रवाई के बाद 3.75 लाख रुपये देने की बात कही गयी. गौरतलब है कि इटकी प्रखंड के करीब दर्जन भर गांव हाथियों का आतंक झेल रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि उनकी टीम इन हाथियों को गांव से भगाने का प्रयास करेगी. पीड़ित परिवारों को प्रखंड प्रशासन की ओर से 25-25 किलो चावल बांटे गये. वहीं, मृतकों के आश्रितों को पेंशन देने का आश्वासन भी दिया गया है.
मानव-हाथी द्वंद्व में जान-माल की क्षति रोकने के लिए एहतियात के तौर पर इटकी प्रखंड में निषेधाज्ञा (धारा-144) लागू कर दी गयी है. सदर अनुमंडल पदाधिकारी दीपक दुबे द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया गया है. निषेधाज्ञा 21 फरवरी से अगले आदेश तक लागू रहेगी.
इटकी में चार लोगों को कुचल कर मारनेवाला हाथी देर शाम तक चचगुरा करमटोली में बांस के झुंड के पास ही मौजूद था. वन विभाग के कर्मी काफी प्रयास के बाद भी हाथी को जंगल की ओर नहीं खदेड़ पाये. हाथी को रात के वक्त आबादी से दूर रखने के लिए चचगुरा गांव में मशाल जला कर रखा गया था.
कई जिलों के डीएफओ को मिलाकर एक कमेटी बनायी गयी है, जो हाथियों से हुई मौत की जांच कर रही है. यह समझने की कोशिश ही रही है कि जिसने हजारीबाग में घटना को अंजाम दिया, वही हाथी है या दूसरा. अभी हाथी इटकी के पास था. वरीय अधिकारियों को लगाया गया है. उसका मूवमेंट जंगल की ओर किया जा रहा है. विभाग की पैनी नजर है. लोगों से आग्रह किया जा रहा कि वे हाथी को नहीं छेड़ें. लोग हाथी को परेशान कर रहे हैं. इस कारण घटना हो रही है. शशिकर सामंता, पीसीसीएफ (वन्य प्राणी)
लोहरदगा (कुड़ू). थाना क्षेत्र की सलगी पंचायत के मासियातु तथा रिझीटांड में झुंड से बिछड़े हाथियों ने मंगलवार को भी तांडव मचाया. यहां हाथी ने एक महिला को कुचल कर मार डाला. इलाज के क्रम में महिला की मौत लोहरदगा सदर अस्पताल में हो गयी. मासियातु के बाद रिझीटांड़ पहुंचे हाथी ने एक मुर्गी शेड को क्षतिग्रस्त कर दिया और शेड में रखा धान खा गया.