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HEC की जमीन पर नहीं रूक रहा अतिक्रमण, 150 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा, ये हैं इसके पीछे के जिम्मेदार

एचइसी ने जमीन की लीज दर 12 करोड़ रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की है. इस हिसाब से कब्जा की गयी जमीन की कीमत करीब 1800 करोड़ रुपये है. जमीन पर अवैध कब्जा होने से एचइसी को राजस्व तो नहीं ही मिल रहा, कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ रही है

एचइसी आवासीय परिसर में खाली पड़ी जमीन पर कब्जा कर रातों-रात मकान व दुकान बन रहे हैं. यह सिलसिला कई वर्षों से जारी है. एचइसी प्रबंधन के तमाम प्रयासों के बावजूद अवैध कब्जा और अतिक्रमण नहीं रुक रहा है. एचइसी नगर प्रशासन विभाग के अधिकारी के अनुसार, एचइसी ने वर्ष 2016 में आवासीय परिसर में सर्वे किया था. उस दौरान 73.05 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा पाया था, जो बढ़ कर अब 150 एकड़ से अधिक हो गया है.

एचइसी ने जमीन की लीज दर 12 करोड़ रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की है. इस हिसाब से कब्जा की गयी जमीन की कीमत करीब 1800 करोड़ रुपये है. जमीन पर अवैध कब्जा होने से एचइसी को राजस्व तो नहीं ही मिल रहा, कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ रही है. अवैध कब्जा हटाने के लिए एचइसी के पास संसाधन नहीं है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण गश्त करनेवाली जीप में डीजल भराने के लिए पैसे भी नहीं है. इस कारण सुरक्षाकर्मी पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहे हैं.

अतिक्रमणकारी भी बेच रहे जमीन :

अतिक्रमणकारी एचइसी की जमीन पर कब्जा कर लोकेशन के हिसाब से तीस हजार से लेकर 70 हजार रुपये प्रति डिसमिल तक जमीन बेच रहे हैं. यही नहीं, अवैध जमीन खरीदनेवाले लोगों को रातों-रात मकान या दुकानें बना देने की गारंटी भी देते हैं. जमीन की अवैध खरीद फरोख्त करनेवालों में दबंग प्रवृत्ति के लोग भी हैं. वे अवैध मकान या दुकान बनाने में सुरक्षा की पूरी गारंटी भी देते हैं.

एचइसी की जमीन का हिसाब-किताब

7199.51 एकड़ जमीन एचइसी के लिए अधिग्रहित

1669 एकड़ पर तीन प्लांट और आवासीय परिसर

158 एकड़ जमीन आवंटत की गयी है सीआइएसएफ को

313 एकड़ जमीन शैक्षणिक और अन्य संस्थानों को आवंटित

2341 एकड़ जमीन वर्ष 2005-08 में हस्तांतरित की गयी राज्य सरकार को

675 एकड़ जमीन 2017 में राज्य सरकार को हस्तांतरित

150 एकड़ पर अवैध कब्जा

आवास व दुकान सरकारी संस्थाओं को देने की योजना

गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचइसी ने आवासीय परिसर की जमीन, दुकान, आवास को दीर्घकालीन लीज पर देने का निर्णय लिया है. इसके लिए 32 आवास व दुकानों को चिह्नित किया है. वहीं, सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों से लीज पर लेने के लिए आवेदन भी किया है. एचइसी के निदेशक ने इसकी रिपोर्ट भारी उद्योग मंत्रालय को भेजी है.

कुछ दबंग लोग आवासीय परिसर की खाली पड़ी जमीनों पर बांस-बल्ली और कंटीले तार से पहले घेराबंदी करते हैं. फिर ग्राहक की तलाश शुरू की जाती है. इनके ग्राहकों में अमूमन छोटे व्यवसाय करनेवाले व मध्यवर्गीय लोग होते हैं. ग्राहक मिलते ही जमीन की सौदेबाजी शुरू हो जाती है. जैसा ग्राहक, वैसी जमीन की कीमत निर्धारित की जाती है.

ऐसे होता है अवैध कब्जा

सेक्टर-2, सेक्टर-3, मामा नगर, पटेल नगर, पंचमुखी मंदिर के पीछे, जगन्नाथपुर मंदिर के सामने, मौसीबाड़ी मंदिर के पास, बड़झोपड़ी, डीएवी स्कूल के पास, जेपी मार्केट, टंकी साइड, डैम साइड आदि इलाके शामिल हैं.

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