Ranchi news: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से ही इंजीनियर्स का वजूद है. समय के साथ इसका स्वरूप भी तेजी से बदल रहा है. पहले मेकैनिकल, सिविल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग को प्राथमिकता मिलती थी, अब जमाना कंप्यूटर साइंस, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का है. हाइ पैकेज सैलरी का ग्लैमर युवाओं को इंजीनियरिंग के प्रति खींच रहा है. शैक्षणिक योग्यता, स्किल और तकनीक से इंजीनियर्स सामाजिक बदलाव में सहयोग कर रहे हैं. यह बात इसलिए हो रही है कि आज अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे) है.
इस साल का थीम है समझदारी से नवनिर्माण-इंजीनियरिंग ही भविष्य’. यह दिन देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न से सम्मानित ‘मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया’ को समर्पित है. सिविल इंजीनियर रहे विश्वेश्वरैया ने आधुनिक भारत के बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभायी थी. साथ ही यह सभी इंजीनियरों की मेहनत और लगन को सलाम करने का भी दिन है.
बीआइटी मेसरा की टीम जनवरी से अब तक 12 इनाेवेशन का पेटेंट करा चुकी है. यहां के इंजीनियर्स अपने इनोवेशन को पेटेंट के जरिये अगले 20 वर्षों के लिए सुरक्षित करने में जुटे हैं. इसके लिए बीआइटी मेसरा में आइपीआर सेल का गठन किया गया है. इसका जिम्मा चेयरमैन सह डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ सी जगन्नाथन और कन्वेनर डॉ अशोक शरण समेत छह अन्य प्राध्यापक को है.
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आइएएस अधिकारी सरकार के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ होते हैं. राज्य और देश की नीतियों के निर्माण और उसके कार्यान्वयन की कमान सिविल सेवकों के हाथों में ही रहती है. खास बात है कि झारखंड के 49 आइएएस अधिकारियों की पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग है. यानी राज्य के 34 प्रतिशत आइएएस अधिकारियों के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है. मेकैनिकल, कंप्यूटर साइंस, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेटरलर्जी, माइनिंग, टेक्सटाइल जैसी डिग्रियां हैं. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह मेकैनिकल इंजीनियर हैं. इनपर विकास योजनाओं सहित सभी तरह की प्रशासनिक गतिविधियों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी है.
वंदना डाडेल कार्मिक प्रशासनिक और मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग की सचिव हैं. इनके पास कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री है. वित्त विभाग के सचिव के पद पर पदस्थापित अजय कुमार सिंह के पास भी कंप्यूटर साइंस की डिग्री है. आराधना पटनायक वाणिज्यकर विभाग में सचिव हैं. उनके पास इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है. आर्थिक दृष्टिकोण से वाणिज्यकर सर्वाधिक महत्वपूर्ण विभाग है.