रांची, राणा प्रताप. झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू यादव सहित अन्य की सजा बढ़ाने के मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ में इस मामले की आंशिक सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा है. सीबीआई की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद, बेक जूलियस सहित छह सजायाफ्ता को तीन से छह साल की सजा सुनायी गयी है. लालू प्रसाद को इस मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिली है. इन्हें अधिकतम सात साल की सजा मिलनी चाहिए. आपको बता दें कि छह सजायाफ्ता में तीन की मौत हो चुकी है.
देवघर कोषागार से अवैध निकासी का है मामला
इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष पक्ष रखा, जबकि सीबीआई की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में लालू प्रसाद सहित छह सजायाफ्ता की सजा बढ़ाने को लेकर सीबीआई की ओर से क्रिमिनल याचिका दायर की गयी है.
तीन सजायाफ्ता की हो चुकी है मौत
देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में अब तीन सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, बेक जुलियस व सुबीर कुमार भट्टाचार्य रह गये हैं, जबकि तीन सजायाफ्ता की मौत हो चुकी है. याचिका में कहा गया है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद, बेक जूलियस सहित छह सजायाफ्ता को तीन से छह साल की सजा सुनायी गयी है. लालू प्रसाद को इस मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिली है. इन्हें अधिकतम सात साल की सजा मिलनी चाहिए.