राजधानी रांची में कंजक्टिवाइटिस (आइफ्लू) की समस्या से सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हो रहे हैं. स्कूल में एक बच्चे से यह संक्रमण कई बच्चों तक पहुंच जा रहा है. ऐसे में स्कूलों द्वारा सख्त निर्देश जारी किया जा रहा है कि अगर आपके बच्चे की आंख में जलन या लालिमा है, तो स्कूल नहीं भेजें. इधर, रिम्स और सदर अस्पताल सहित निजी नेत्र चिकित्सालयों में कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गयी है. सोमवार को रिम्स के नेत्र विभाग के ओपीडी में सात बच्चों का इलाज किया गया. कई बच्चे स्कूल ड्रेस में ही परामर्श लेने पहुंच गये थे.
तीन-चार दिन में ठीक हो जाती है बीमारी
सदर अस्पताल के नेत्र चिकित्सक डॉ वात्सल्य ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस वायरल समस्या है, जो तेजी से एक से दूसरे में फैलता है. बच्चे स्कूल में एक साथ ज्यादा समय गुजारते हैं. वहीं, पेन, पेंसिल और टिफिन बॉक्स का उपयोग एक दूसरे के साथ मिलकर करते है. यही कारण है कि बच्चे तेजी से संक्रमित हो जाते हैं. ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है, क्योंकि तीन से चार दिन में यह बीमारी ठीक हो जाती है. कुछ में यह एक सप्ताह तक रहती है. लेकिन सावधानी और सतर्कता जरूरी है.
क्या हैं रोग के लक्षण
-
आंख का सफेद हिस्सा लाल होना
-
आंखों में जलन खुजली
-
आंखों से पानी या आंसू आना
फ्लू को रोकने के लिए क्या करें
संक्रमित होने पर बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को ठंडे पानी से धोये, निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स आदि को किसी से साझा न करें, रूमाल, तकिये के कवर, तौलिया आदि चीजों को रोज धोएं, स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें, अगर कोई भी लक्षण दिखाई दे तो घर से बाहर न जाएं और परिवार में भी लोगों से शारीरिक दूरी बनाकर रखें, आंखों को बार-बार हाथ न लगाएं, खुजली होने पर आंखों को बिल्कुल मले नहीं, आई ड्रॉप डालने से पहले और बाद में हाथों को साबुन से अवश्य धो लें, बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें.
कंजक्टिवाइटिस संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर फैलता है. सदर अस्पताल में 50 % मरीज इसी समस्या को लेकर आ रहे हैं. बच्चों की संख्या ज्यादा है. हल्की समस्या दिखने पर भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजें. हल्की समस्या में यह तीन से चार दिन में ठीक हो जाता है.
-डॉ दीपांकर, नेत्र रोग विशेषज्ञ