Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड की हेमंत सरकार ने सोमवार को राज्य के किसानों को दीपावली का तोहफा दिया है. सरकार ने चालू खरीफ फसल के दौरान धान की बिक्री पर किसानों को 182 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया है. इसके साथ ही सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सरना धर्म कोड पर अपनी सहमति भी जतायी है. इसके अलावा कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर भी अपनी सहमति प्रदान की है.
केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य में झारखंड सरकार ने 182 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने की स्वीकृति झारखंड कैबिनेट ने कर दी है. इसके साथ ही राज्य के किसानों से अब सरकार साधारण किस्म के धान को 2050 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदेगी, वहीं ग्रेड ए धान के लिए 2070 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों के राज्य सरकार भुगतान करेगी. बता दें कि धान खरीदते समय किसान को 50 प्रतिशत का भुगतान तत्काल और शेष 50 फीसदी का भुगतान बाद में किया जायेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये और ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रुपये तय निर्धारित किया था. इसके एवज में हेमंत सरकार ने दोनों किस्म की धान पर 182 रुपये की दर से बोनस देने की बात कही थी. सोमवार को झारखंड कैबिनेट में इस पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है.
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झारखंड कैबिनेट ने अपने एक अहम फैसले में आदिवासी/सरना धर्म के लिए अलग कोड आवंटित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. इसके लिए 11 नवंबर, 2020 को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र आहूत करने की स्वीकृति दी गयी है. इस विशेष सत्र में इसे पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा जायेगा.
बता दें कि जनगणना 2021 में आदिवासी/सरना धर्म के लिए अलग कोड आवंटित करने की मांग विभिन्न आदिवासी/सरना समितियों ने काफी समय से की थी. इसको लेकर समय-समय पर आंदोलन भी होते रहे हैं. मालूम हो कि जनगणना 2011 में कुल 6 धर्मों के लिए अलग-अलग कोड आवंटित हुए थे. इसमें हिंदू के अलावा मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म के कोड शामिल थे. अब वर्ष 2021 में फिर से जनगणना होने वाली है. इसी को ध्यान में रख कर आदिवासी/सरना धर्म के लोगों ने सरना धर्म कोड को 2021 के जनगणना में शामिल कराने के लिए आंदोलन कर रखा है.
कोविड-19 को देखते हुए झारखंड कैबिनेट ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इसके तहत सत्र 2020-21 में बीएड में नामांकन के लिए एंट्रेंस एक्जाम नहीं कराने पर अपनी सहमति दी है. इस सत्र में नामांकन के लिए ग्रेजुएशन के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगा. वहीं, काउंसेलिंग झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता बोर्ड के जरिये होगी.
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झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स में एमबीबीएस की सीटें 150 से बढ़ा कर 250 करने के केंद्र सरकार से एमओयू करने की अनुमति दी गयी. सीटें बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना पर 120 करोड़ खर्च होंगे. इसके तहत कुल राशि का 60 फीसदी केंद्र सरकार 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी.
Posted By : Samir Ranjan.