Jharkhand News: झारखंड के आपराधिक गैंग अब तक व्यापारियों और कारोबारियों को धमका कर रंगदारी वसूलते रहे हैं. रंगदारी नहीं देने पर उन पर हमले भी करते रहे हैं. रंगदारी के चक्कर में कई व्यवसायियों की जान भी जा चुकी है. अब इन अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे पुलिस को भी निशाना बनाने से भी नहीं हिचक रहे हैं. मिसाल के तौर पर 17 जुलाई की रात अमन साहु गैंग के गुर्गों ने रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र में एटीएस के डीएसपी नीरज कुमार और रामगढ़ थाने के दारोगा सोनू कुमार साव को गोली मार दी. संभवत: अपराधियों द्वारा किसी पुलिस अधिकारी पर हमले की यह पहली घटना है, जो इंगित करती है कि पुलिस को आपराधिक गिरोहों और उनके गुर्गों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने होंगे. बुधवार को डीजीपी अजय कुमार सिंह विधि-व्यवस्था को लेकर सभी जिलों के एसपी, रेंज डीआईजी, प्रक्षेत्र आईजी व मुख्यालय के अधिकारियों के साथ पुलिस मुख्यालय में बैठक करने जा रहे हैं. इस बैठक में संभवत: इन मुद्दों पर विशेष चर्चा होगी और रणनीति बनायी जायेगी.
धमकी देकर गोली मार रहे अपराधी, घटना के बाद लाठी पीट रही पुलिस
राज्य में अपराधियों के बढ़ते मनोबल की बानगी हर दिन कहीं न कहीं दिख ही जाती है. हालत यह है कि बेखौफ अपराधी पहले रंगदारी मांगते हैं. रंगदारी नहीं देने पर गोली मारकर निकल जाते हैं. हमेशा की तरह पुलिस घटना के बाद अपनी चौकसी साबित करने में जुट जाती है. यहीं नहीं खतरे की जानकारी होने के बावजूद पुलिस घटना को रोकने में दिलचस्पी नहीं दिखाती. एक जिले की पुलिस का दूसरे जिले की पुलिस के साथ समन्वय की घोर कमी है. कुछ बानगी देखिये. राजधानी के पुराना अरगोड़ा चौक पर कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता पर सात जुलाई को हुई फायरिंग की घटना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अमन साहु ने रिमांड में चतरा और बालूमाथ पुलिस को अपने स्वीकारोक्ति बयान में ही यह बता दिया था कि रंजीत गुप्ता गिरोह के निशाने पर हैं. घटना के बाद सोशल मीडिया पर अमन साहु गिरोह के मयंक सिंह ने घटना की जिम्मेदारी भी ली. पुलिस के लिए चुनौती इस बात की है कि हाल के दिनों में जो घटनाएं हुई, उसमें अमन साव गिरोह ने जेल में रहते हुए घटना को अंजाम दिलाया.
केस स्टडी- 01
07 जुलाई, 2023 : अरगोड़ा थाना क्षेत्र के पुराना अरगोड़ा चौक पर अमन साव गिरोह के अपराधियों ने कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता को गोली मार दी. रंजीत गुप्ता पहले से गिरोह के निशाने पर था. इस बात की जानकारी अमन साव ने पुलिस को अपने स्वीकारोक्ति बयान में खुद दी थी. लेकिन पुलिस घटना को रोकने में फेल रही.
केस स्टडी- 02
16 जुलाई, 2023 : रातू थाना क्षेत्र के हाजी चौक स्थित मुख्तार होटल में जमीन कारोबारी कमरुल हक के होने के अंदेशा पर फायरिंग की गयी. लेकिन इस फायरिंग में होटल संचालक मुख्तार अंसारी और होटलकर्मी एजाज अंसारी गोली लगने से घायल हो गया. इस घटना से पूर्व कमरुल हक से टीपीसी के उग्रवादियों के नाम पर 50 लाख रुपये की लेवी मांगी गयी थी, लेकिन पुलिस फायरिंग की घटना नहीं रोक सकी.
केस स्टडी- 03
09 मई, 2023 : हजारीबाग-बड़कागांव मुख्य सड़क के हेटगढ़ा गांव में खनन कंपनी रित्विक प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के एवीपी शरत कुमार की अमन साव गिरोह ने गोली मारकर हत्या कर दी. फायरिंग में बॉडीगार्ड भी घायल हो गया. इस घटना से पूर्व रंगदारी मांगी गयी थी.
31 मार्च, 2017 के बाद उत्तरप्रदेश में अब तक 186 एनकाउंटर
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हर 15 दिन में एक से ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं. मार्च 2017 के बाद से अब तक उत्तर प्रदेश में कुल 186 एनकाउंटर हुए हैं. वहीं, पिछले छह सालों में पुलिस कार्रवाई के दौरान पांच हजार से अधिक अपराधियों को पैर में गोली लगी है. यानी हर 15 दिन में 30 से ज्यादा अपराधियों के पैर में गोली लगी है. जिन 186 अपराधियों का एनकाउंटर हुआ उनमें से लगभग 96 अपराधियों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज थे. वहीं, उनमें से दो के खिलाफ छेड़छाड़, गैंगरेप और पोक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज थे. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस कार्रवाई का असर रहा कि वर्ष 2016 से 2022 के बीच लगभग सभी तरह के अपराधों में गिरावट आ गयी. जैसे डकैती के मामलों में 82 प्रतिशत व हत्या में 37 प्रतिशत कमी आयी.
झारखंड में सक्रिय प्रमुख आपराधिक गिरोह
अमन साहु (जेल में) गैंग : रांची, लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा
सुजीत सिन्हा (जेल में) गिरोह : लातेहार व पलामू
अमन श्रीवास्तव (जेल में) गिरोह : रांची, लातेहार व रामगढ़
अमन सिंह (जेल में) गिरोह : धनबाद
गैंग्स ऑफ वासेपुर का प्रिंस खान (पुलिस की चूक से फरार): धनबाद
पांडेय गिरोह का विकास तिवारी (जेल में) : रामगढ़
सुधीर दुबे गिरोह : जमशेदपुर, सरायकेला
अखिलेश सिंह (जेल में) गिरोह : जमशेदपुर व सरायकेला
आशीष मिश्रा गिरोह : देवघर
डब्लू सिंह (फरार) गिरोह : पलामू
संगीन मामलों से जुड़े केस, वारंट व कुर्की के निष्पादन में पुलिस का रवैया ढीला-ढाला
संगीन अपराधों से जुड़े केस में वारंट व कुर्की को लेकर झारखंड पुलिस का रवैया ढीला-ढाला ही रहा है. पुलिस की फाइलों में दर्ज आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. मई 2023 तक रांची, जमशेदपुर, सरायकेला, धनबाद व हजारीबाग में वारंट के 26,735 मामले लंबित थे. वहीं, रांची, रामगढ़, सरायकेला, धनबाद व हजारीबाग जिले में कुर्की के 3992 मामले भी लंबित थे. हत्या, लूट, डकैती, एसी-एसटी, पोक्सो एक्ट, दहेज प्रथा अधिनियम, पैसे के लिए अपहरण आदि संगीन मामलों से जुड़े केस के पांच से 10 वर्ष लंबित मामलों की संख्या 77 है. वहीं दो से पांच वर्ष के बीच 1645 मामले मई तक लंबित हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर के नेतृत्व में पांच साल व उससे ज्यादा समय से लंबित करीब 37 हजार मामलों का निबटारा किया गया. अब चार वर्ष व उससे अधिक समय के मामलों के निपटारे की कार्रवाई चल रही है.
मई 2023 तक वारंट पेंडिंग वाले टाॅप फाइव जिले :
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रांची : 11028
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जमशेदपुर : 5614
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सरायकेला : 4561
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धनबाद : 3299
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हजारीबाग : 2233
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अन्य जिले : 9964
मई 2023 तक कुर्की लंबित वाले टॉप पांच जिले
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रांची : 3316
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धनबाद : 261
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रामगढ़ : 152
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हजारीबाग : 142
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चतरा : 121
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अन्य जिले : 530
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राज्य में शीर्षवार लंबित कांडों की स्थिति मई 2023 तक
अपराध : पांच से 10 वर्ष के बीच : दो से पांच वर्षों के बीच
हत्या : 19 : 349
डकैती : 08 : 79
लूट : 05 : 152
चोरी : 12 : 449
गृहभेदन : 03 : 120
आर्म्स एक्ट : 12 : 112
फिरौती के लिए अपहरण : 05 : 04
बलात्कार : 02 : 67
पोक्सो एक्ट : 02 : 33
दहेज प्रथा अधिनियम : 07 : 147
एससी-एसटी : 15 : 133
अन्य : 391 : 7136
टॉप पांच जिले जहां 2023 में जनवरी से मई तक संगीन अपराध
हत्या : रांची में 59, गिरिडीह में 56, चाईबासा में 47, धनबाद में 43, देवघर में 41
डकैती : देवघर में 09, धनबाद में 06, दुमका में 05, जमशेदपुर में 04, रांची में 03
लूट : रांची में 47, देवघर में 21, चतरा में 14, जमशेदपुर में 12, पलामू में 11
सेंधमारी : रांची में 207, हजारीबाग में 53, बोकारो में 52, देवघर में 51, दुमका में 50
आर्म्स एक्ट : धनबाद में 46, रांची में 36, जमशेदपुर में 20, देवघर में 20, पलामू में 18
पैसे के लिए अपहरण : देवघर में 06, रांची में 02, पलामू में 01, धनबाद में 01, साहिबगंज में 01
अपराध नियंत्रण के खिलाफ कार्रवाई
वर्ष : सीसीए : थाना हाजिरी : जिला बदर : कुल
2021 : 38 : 20 : 22 : 79
2022 : 94 : 67 : 98 : 259
2023 मई तक : 34 : 111 : 63 : 208
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