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चारा घोटाला मामला : पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी सहित 88 दोषी करार, 35 बरी

चारा घोटाले के 27 साल पुराने मामले का सोमवार 28 अगस्त, 2023 को फैसला आया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 88 अभियुक्तों को दोषी पाया. इनमें से पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी सहित 53 अभियुक्तों को दो से तीन साल तक की सजा सुनायी गयी. वहीं, 35 आरोपियों को बरी कर दिया गया है.

Jharkhand News: चारा घोटाले का 27 साल पुराना और अंतिम मामले (कांड संख्या आरसी-48 ए/96) में सोमवार 28 अगस्त, 2023 को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव ने फैसला सुनाया. यह मामला डोरंडा कोषागार से 36.59 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. इसमें बजट एवं लेखा पदाधिकारी, पशुपालन विभाग के पदाधिकारी, पशु चिकित्सक और आपूर्तिकर्ता सहित कुल 124 आरोपियों की सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई. अदालत ने इनमें से 88 अभियुक्तों को दोषी पाया. इनमें से पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी सहित 53 अभियुक्तों को दो से तीन साल तक की सजा सुनायी गयी. आजमानी को तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना किया गया. 35 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. अदालत ने शेष 36 अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए एक सितंबर की तिथि निर्धारित की है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सबसे कम 1300 रुपये और सबसे अधिक चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया. सजा सुनाये जाने के बाद सभी को बेल बांड भरवाकर छोड़ दिया गया. अब ये सभी हाइकोर्ट में अपील करेंगे.

स्पेशल कोर्ट ने साेमवार को सुनाया फैसला

सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रवि शंकर ने अदालत से अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह अदालत से किया. जबकि, बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता संजय कुमार, अनिल कुमार कंठ, विक्रांत सिन्हा सहित कई अन्य अधिवक्ता ने मामले में पैरवी की. चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी-48ए/96 में 24 जुलाई को दोनों पक्षों की जिरह समाप्त होने के बाद अदालत ने फैसले के लिए 28 अगस्त, 2023 की तिथि निर्धारित की थी. साथ ही फैसले के दौरान सभी को सशरीर उपस्थित होने के आदेश दिया था. कोर्ट परिसर में मेला जैसा दृश्य था. कई आरोपी एंबुलेंस से आये थे. दो अभियुक्त अजय कुमार सिंह और सुरेश दुबे अदालत में उपस्थित नहीं हुए. अदालत ने उन्हें सजा सुना दी और उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया.

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क्या है मामला

यह मामला 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. डोरंडा कोषागार से यह अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दौरान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गयी थी. डोरंडा कोषागार मामले में 27 साल चली सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रविशंकर ने इस मामले में कुल 616 गवाहों का बयान दर्ज कराया है. विशेष लोक अभियोजक रवि शंकर ने बताया कि रांची सीबीआई के 53वां व अंतिम मामला था. 52 मामलों में पहले ही सजा सुनायी जा चुकी है.

जो 35 आरोपी बरी हुए

त्रिवेणी पासवान, जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, चंद्र किशोर लाल, कामेश्वर प्रसाद यादव, मनोज कुमार सिन्हा, रमन कुमार सिन्हा, उमाशंकर यादव, ओम प्रकाश सिन्हा, चंद्रशेखर सिन्हा, अजय कुमार सिंह, वेंकटेश्वर नाथ पांडेय, रामसेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत बिहारी लाल, हरीश कुमार खन्ना, कैलाश मणी कश्यप, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, कुमार अनीता प्रसाद, मो एकराम, मो हुसैन, मो सनवाल हक, सैरु निशा, चंचेला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, राम अवतार शर्मा, रिमा, अर्पोनिता कुंडू और मधु पाठक शामिल है.

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इन 53 आरोपियों को हुई सजा

गुलश्न लाल आजमानी, डॉ रामेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ अनिल कुमार संह, डॉ कमल किशोर सिंह, डॉ हीरालाल, डॉ विनोद कुमार, डॉ वीजेंद्र कुमार, डॉ धंनजय कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ विजय शंकर सिंह, परमेश्वर प्रसाद यादव, रवींद्र कुमार मेहरा, अजय वर्मा, सुनील कुमार सिन्हा, सुधीर कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिंह, नरेश प्रसाद, गणेश दुबे, अनंत मुरारी सिंह, मनीष कुमार, विनय कपूर, शोभा सिंह, दीपक कुमार सिंह, महेंद्र कुमार सिंह, समीर कुमार, सुरेंद्र कुमार राय, जॉली श्रीवास्तव, सुधीर कुमार शरण, जगदीश प्रसाद साहू, मुन्नी राय, अनिल कुमार सिन्हा, सूरज गांधी, रवींद्र प्रसाद, नंदकिशोर अग्रवाल, दयाल मिधा, श्याम सुंदर शर्मा, मंजूबाला जायसवाल, रंजीत सिन्हा, सरस्वती चंद्रा, सुलेखा देवी, जीतेंद्र प्रसाद सिंह, प्रदीप कुमार चौधरी, शुभाशीष देव, राजीव कुमार, नंदकिशोर प्रसाद, सुधा सिंह, राजेश मेहरा, मनोज कुमार, दीपक कुमार महाजन, सतीश कुमार, सुजीत कुमार, सूरज मल दुबे.

इन 36 अभियुक्तों की सजा पर सुनवाई एक सितंबर को

नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ जुनुल भेंगराज, डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद, डॉ राधा रमण सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, डॉ फणींद्र कुमार त्रिपाठी, महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, बृजेश्वरी प्रसाद सिन्हा, अजय कुमार सन्हा, राजन मेहता, रवि नंदन कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार त्रिपाठी, मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, सुरेश दुबे, मो सईद, मो मौहिद, संजय कुमार, रामा शंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिन्हा, मोहिन्दर सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहता, मदन मोहन पाठक, प्रदीप कुमार.

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