महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर झारखंड के वन क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को वन पट्टा देने के लिए ग्राम समितियों के पुनर्गठन का अभियान शुरू किया गया. पहले दिन राज्य की 30 हजार से अधिक ग्राम सभाओं को शपथ दिलायी गयी. इन्होंने जल, जंगल और जमीन की रक्षा की शपथ ली. सीएम हेमंत सोरेन की ओर से वनाधिकार के लिए अबुआ बीर दिशोम अभियान-2023 की शुरुआत की गयी है. इसके तहत तीन से 18 अक्तूबर तक वन अधिकार समिति, अनुमंडलस्तरीय वनाधिकार समिति एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति का पुनर्गठन किया जायेगा.
डीसी की ओर से नियुक्त प्रेक्षक की उपस्थिति में ग्रामसभा की बैठक में वनाधिकार समिति का गठन किया जायेगा. साथ ही ग्रामवार योजना तथा ग्रामसभा की कार्रवाई भी इनकी उपस्थिति में होगी. हर डीसी अपने जिले में अक्तूबर के प्रथम एवं द्वितीय सप्ताह में जिलास्तरीय वन प्रमंडल पदाधिकारी तथा राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इसमें ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति के कार्यों का निबटारा होगा . इस दौरान सभी प्रकार के भू-अभिलेख और फॉरेस्ट मैप की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. डीसी 19 अक्तूबर को विस्तृत रिपोर्ट आदिवासी कल्याण आयुक्त को भेजेंगे. इसकी जानकारी मुख्य सचिव को भी दी जायेगी.
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वन अधिकार समिति का गठन जिला से लेकर अनुमंडल व प्रखंड स्तर तक होगा. ग्रामसभा से प्राप्त होनेवाली वन पट्टा अनुशंसा प्रखंडस्तरीय सेल में जायेगी. वहां से एसडीओ और फिर जिलास्तर पर गठित सेल को अनुशंसा भेजी जायेगी.