Gangor Puja 2021, रांची न्यूज : चैत्र माह में हर वर्ष शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सौभाग्यवती होने की कामना के लिए गणगौर माता यानी माता गौरा की पूजा करती हैं. रांची में भी मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना एवं कुंवारी कन्याओं ने उत्तम वर के लिए गणगौर पूजा की.
हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर व्रत रखा जाता है. झारखंड की राजधानी रांची में आज महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं ने माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की. महिलाओं ने सौभाग्यवती होने की कामना की, तो कुंवारी कन्याओं ने उत्तम वर की कामना की. आपको बता दें कि गणगौर का पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर चैत्र शुक्ल की तृतीया को गणगौर तीज पर व्रत पूजन के साथ समापन होता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती होली के दूसरे दिन अपने मायके चली जाती हैं और 8 दिनों के बाद भगवान शिव उन्हें वापस लेने के लिए आते हैं. इसलिए यह त्योहार होली के दिन से यानी चैत्र महीने की प्रतिपदा से शुरू हो जाता है. इस दिन से सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं मिट्टी के शिव जी यानी गण और माता पार्वती यानी गौर बनाकर उनकी पूजा करती हैं. इसके बाद चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज की पूजा की जाती है.
Posted By : Guru Swarup Mishra