रांची : दुमका और बेरमो में होने वाले उपचुनाव से पहले झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने घोषणा कर दी है कि मार्च के अंत तक किसानों की कर्जमाफी का सरकार एलान कर देगी. इससे पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त व खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार की ओर से लाये गये नये कृषि बिल को काला कानून करार दिया.
श्री उरांव ने कहा कि इस नये काले कानून के तहत कांट्रैक्ट फॉर्मिंग में पूंजीपतियों की ओर से मनमानी की कोशिश की जायेगी, क्योंकि इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि किसानों को कितना न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा. जब न्यूनतम समर्थन मूल्य ही निर्धारित नहीं है, तो फिर कॉरपोरेट घरानों की मनमानी बढ़ेगी.
डॉ उरांव ने कहा कि कांग्रेस की ओर से जो कर्जमाफी की घोषणा की गयी थी, वित्तीय वर्ष मार्च, 2021 के अंत तक उसे पूरा कर लिया जायेगा. कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के कारण थोड़ी कठिनाई हुई है, लेकिन अब राजस्व संग्रहण भी शुरू हो गया है. सरकार किसानों को धान का क्रय 2,500 रुपये प्रति क्विंटल उपलब्ध करायेगी.
Also Read: किसानों की कर्ज माफी पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा : सीएम
कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि कृषि बिल से पूरे देश की जनता आतंकित है. इससे बेरोजगारी बढ़ने और किसानों के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न होने की आशंका है. पार्टी किसानों के हित में देशव्यापी आंदोलन चलायेगी. इसकी शुरुआत हो गयी है. झारखंड में भी प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक आंदोलन चलाया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि मार्च, 2020 में विधानसभा के बजट सत्र में हेमंत सोरेन सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की थी. इसमें किसानों की कर्जमाफी के अलावा बेरोजगारी भत्ता, मुफ्त बिजली, गंभीर रूप से बीमार लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा और सरकारी स्कूल के सभी बच्चों के लिए स्कॉलरशिप योजना शुरू करने का एलान किया था.
कृषि विभाग का अनुमान है कि किसानों के करीब 2,000 करोड़ रुपये ऋण माफ किये जायेंगे. इसकी तैयारी विभाग ने अगस्त में ही शुरू कर दी थी. करीब पांच लाख छोटे और गरीब किसानों को हेमंत सोरेन सरकार की इस योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है.
Posted By : Mithilesh Jha