रांची : झारखंड (Jharkhand) के पारा शिक्षकों (Para Teachers) के आंदोलन और उनकी धमकी का असर दिखने लगा है. सरकार की ओर उनके लिए खुशखबरी है. हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की सरकार ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान सेवा संबंधी नियमावली का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. हालांकि, अभी तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसकी फाइल फिलहाल विधि विभाग के पास है.
विधि विभाग सरकार को इस प्रस्ताव पर अपनी राय देगा. इसके बाद प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेजा जायेगा. फिर इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा. प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा और इसका लाभ पारा शिक्षकों को मिल सकेगा.
पारा शिक्षकों ने अभी हाल ही में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि उनकी सेवा शर्त नियमावली का प्रस्ताव जल्द से जल्द तैयार करके उसे पारित करवायें. ऐसा नहीं करने पर पारा शिक्षक जोरदार आंदोलन करेंगे. पारा शिक्षक स्थायीकरण और समान काम के लिए समान वेतन की मांग करते हुए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.
सभी सरकारों ने इन्हें आश्वासन तो दिया, लेकिन उनकी मांगों पर कभी गौर नहीं किया. सरकारें पारा शिक्षकों के वेतनमान में वृद्धि करके उनके आंदोलन को समाप्त करवाती रही हैं. अब खबर आयी है कि झारखंड के पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए सेवा शर्त नियमावली का प्रस्ताव तैयार हो गया है.
बताया जा रहा है कि पारा शिक्षकों को एक परीक्षा पास करनी होगी. परीक्षा पास करने के बाद ही वेतनमान का लाभ उन्हें मिलेगा. प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी शिक्षकों को तीन मौके मिलेंगे. यदि कोई पारा शिक्षक तीन बार में एक बार भी परीक्षा पास नहीं करता है, तो वह वेतनमान पाने का अधिकारी नहीं होगा.
हालांकि, परीक्षा का स्वरूप अभी तैयार नहीं किया गया है. प्रस्ताव को विधि विभाग की मंजूरी मिलने के बाद परीक्षा के स्वरूप पर विचार किया जायेगा. सूत्रों की मानें, तो शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की ओर से गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने इस पर अपनी सहमति दे दी है. कहा गया है कि पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए.
इस कमेटी ने शिक्षकों को वेतनमान देने पर भी अपनी सहमति दी है. हालांकि, यह भी कहा गया है कि परीक्षा नहीं पास करने वाले पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं की जायेगी. उनके लिए अलग से परीक्षा ली जायेगी या फिर उनके लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा को ही वेतनमान का आधार बनाया जायेगा, इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है.
पारा शिक्षकों की मांगों के प्रति राज्य सरकार और शिक्षा विभाग गंभीर है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो लगातार इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से खुद चर्चा करते हैं. बताया जा रहा है कि पारा शिक्षकों के हित में जल्द ही कुछ फैसले लिये जा सकते हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड में पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को लेकर सबसे पहले जो प्रस्ताव बना था, उसमें दो बार परीक्षा में शामिल होने का अवसर देने का प्रावधान था. परीक्षा पास नहीं होने पर सेवा समाप्त करने की बात कही गयी थी. अब परीक्षा पास नहीं करने पर भी पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं की जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha