रांची : सरकार ने राज्य सरकार, स्वायत निकाय और स्थानीय सरकारी कार्यालयों को 20 अप्रैल से खोलने का आदेश दिया है. कार्यालय खोलने के लिए अलग-अलग कार्यालयों के लिए शर्त लगाये गये हैं. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इस संबंध में सारे विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, विभागाध्यक्ष व आयुक्त-उपायुक्तों को पत्र भेजा है.
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पत्र में गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कार्यालय खोलने संबंधी दिशा-निर्देश का उल्लेख किया गया है. इसके तहत ही कार्यालय का संचालन करना है. इसके मुताबिक पुलिस विभाग, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस, फायर सर्विस, इमरजेंसी सर्विस, आपदा प्रबंधन कारा व म्यूनिसिपल सर्विस का कामकाज बिना किसी रोक के जारी रहेगा. अन्य सारे विभागों में निर्धारित संख्या के आधार पर काम कराया जायेगा. ग्रुप ए और ग्रुप बी के अफसर जरूरत के मुताबिक काम करेंगे. ग्रुप सी और उसके नीचे के कर्मी की संख्या 33 फीसदी होगी. जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम करेंगे. लोगों को सेवा देने के लिए आवश्यक कर्मियों को लगाया जायेगा.
जिला प्रशासन और कोषागार का काम भी सीमित कर्मियों से चलेगा. लेकिन लोक सेवा के मामले में आवश्यक कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जा सकेगी. स्थानिक आयुक्तों की जिम्मेवारी होगी कि वे कोविड-19 से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखेंगे. वन विभाग की गतिविधियों के लिए भी दिशा-निर्देश दिये गये हैं.
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी पदाधिकारियों व कर्मचारियों का ड्यूटी रोस्टर बनाते समय इसका ध्यान रखें कि प्रत्येक कमरे का साइज क्या है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. चतुर्थवर्गीय कर्मियों का ड्यूटी रोस्टर बनाते समय या ध्यान रखें कि कोरिडोर में सोशल डिस्टेंसिंग के सिद्धांत का उल्लंघन ना हो. सुनिश्चित हो कि सभी पदाधिकारी व कर्मचारी मास्क पहने.
कार्यालय के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर तथा थर्मल गन की व्यवस्था की जाये. कार्यालय के ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करने के लिए पदाधिकारियों व कर्मचारियों को प्रेरित करें. लिफ्ट के प्रयोग से बचें. कार्यालय में अनावश्यक आगंतुकों के प्रवेश को रोका जाये. कार्यालय परिसर में गुटका या तंबाकू के सेवन पर प्रतिबंध रहेगा. अति आवश्यक बैठकों का आयोजन अगर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या इंटरनेट प्लेटफार्म के माध्यम से संभव नहीं होता है तो उतने ही पदाधिकारियों को बैठक में बुलायी जाए जिनसे सोशल डिस्टेंसिंग के सिद्धांत का पालन हो सके.