Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल सह झारखंड के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने राजभवन में विश्वविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं के निदान को लेकर किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की. उन्होंने विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति करने एवं रोस्टर क्लीयरेंस की दिशा में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही वे उच्च शिक्षा के विकास के लिए पूर्णतः प्रयासरत हैं. शिक्षण संस्थानों की स्थिति में सुधार लाने को लेकर सभी को समर्पित भाव से कार्य करने के लिए कहा.
उच्च शिक्षा के विकास के लिए कार्यप्रणाली में लाएं गति
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास के लिए कार्यप्रणाली में गति लाने की आवश्यकता है. कार्य में शिथिलता शिक्षा जगत एवं राज्य के विकास में बाधक है. राजभवन में आयोजित बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल कुमार पुरवार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक सूरज कुमार समेत विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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झारखंड प्रौद्यगिकी विश्वविद्यालय को लेकर ली जानकारी
राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड प्रौद्यगिकी विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की नियुक्ति के संदर्भ में अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के लिए 2018 का स्टैच्यूट बनाने व लागू करने की दिशा में तत्परता से कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने झारखंड खुला विश्वविद्यालय और जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना के विकास के लिए राशि सुलभ कराने पर भी चर्चा की और उसे शीघ्र सुलभ कराने का निर्देश दिया.
शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन निर्धारण के कार्यों में लाएं गति
राज्यपाल रमेश बैस ने उच्च शिक्षा विभाग को शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन निर्धारण के कार्यों में गति लाने का निर्देश दिया. इसके लिए उन्होंने आवश्यकतानुसार कुछ कर्मियों को इस कार्य में लगाने की बात कही. बैठक में उन्होंने नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय, मेदनीनगर को पुस्तकालय, प्रशासनिक भवन इत्यादि शीघ्र हस्तांतरित करने की दिशा में कार्य करने को कहा. झारखंड खुला विश्वविद्यालय को अलग भवन सुलभ कराने की दिशा में कार्य करने के लिए कहा गया. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के समीप लगभग 7 एकड़ जमीन देखी गयी है. प्रत्येक विश्वविद्यालय जल्द ही बीएड पाठ्यक्रम का शुल्क निर्धारण करे. इस अवसर पर कहा गया कि हर विश्वविद्यालय में एक पदाधिकारी ऐसे हों, जिनके पास विश्वविद्यालय की संरचना संबंधी कार्यों की जानकारी हो.