Happy Birthday Shibu Soren, Jharkhand News, Ranchi News, रांची : Happy Birthday Shibu Soren, Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड के राज्यसभा सांसद सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन का 11 जनवरी, 2021 को जन्मदिन है. शिबू सोरेन जिन्हें लोग दिशोम गुरु व गुरुजी के नाम से अधिक जानते हैं. सोमवार को गुरुजी 77 साल के हो गये. झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन से लेकर महाजनी प्रथा और सूदखोरी खत्म करने को लेकर गुरुजी ने अपना पूरा जीवन लगा दिया. इनके जन्मदिन के अवसर पर सोमवार (11 जनवरी, 2021) को राजधानी रांची के आर्यभट्ट सभागार में गुरुजी के संघर्ष पर लिखी गयी 3 किताबों का लोकार्पण सीएम हेमंत सोरेन ने किया.
इस अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदरणीय बाबा के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर उनके संघर्ष से जुड़ी 3 पुस्तकाें के लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित होने का सौभाग्य हमें मिला. सीएम ने लेखक सह प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा जी को शुभकामनाएं देते हुए बधाई दिये.
प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित 3 पुस्तक ‘दिशाेम गुरु : शिबू साेरेन (हिंदी)’, ‘ट्राइबल हीराे : शिबू साेरेन (अंगरेजी)’ और ‘सुनाे बच्चों, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू साेरेन (गुरुजी) की गाथा’ का लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टैंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया.
Also Read: Happy Birthday Shibu Soren : झारखंड अलग राज्य का सपना और महाजनी प्रथा खत्म करने में शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन किया न्योछावरराजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया. ‘दिशाेम गुरु : शिबू साेरेन (हिंदी)’ में जहां शिबू सोरेन के जीवन के संघर्ष की गाथा है. वहीं, ‘ट्राइबल हीराे : शिबू साेरेन’ नामक पुस्तक हिंदी का अंगरेजी में अनुवाद है, जबिक तीसरी पुस्तक ‘सुनाे बच्चों, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू साेरेन (गुरुजी) की गाथा’ में श्री शिबू साेरेन के संघर्ष काे चित्रावली के माध्यम से बच्चाें काे बताने का प्रयास किया गया है.
दिशाेम गुरु : शिबू साेरेन नामक इस पुस्तक में मूलत: शिबू साेरेन के जीवन के संघर्ष को बताया गया है. वहीं, इस पुस्तक में इस बात की विस्तार से चर्चा की गयी है कि किन हालाताें में शिबू साेरेन काे स्कूल छाेड़ कर महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदाेलन में उतरना पड़ा. कैसे उन्हाेंने आदिवासियाें काे उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया. कैसे धान काटाे आंदाेलन चलाया. उनका लंबा समय पारसनाथ की पहाड़ियाें और जंगलाें में बीता. कैसे गुरुजी ने आदिवासी समाज काे एकजुट कर सामाजिक बुराइयाें काे दूर करने का अभियान चलाया.
पुस्तक में इस बात का जिक्र है कि कैसे उन्हाेंने विनाेद बिहारी महताे और एके राय के साथ मिल कर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया. पुस्तक में उनके राजनीतिक जीवन का भी विस्तार से वर्णन है. श्री साेरेन के जीवन की राेचक और दुर्लभ तस्वीर भी उपलब्ध है.
Posted By : Samir Ranjan.