Happy Father’s Day 2021 : रांची न्यूज (लता रानी) : एक बच्चे के लिए मां ही उसकी पूरी दुनिया होती है. मां की नजर से वह सबकुछ समझता है. सीखता है लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनके पिता ही मां की जिम्मेदारियां निभाते हैं. आज फादर्स डे पर ऐसे ही कुछ बच्चों के पिता की कहानी बयां की जा रही है, जो सिंगल पेरेंट की भूमिका में अपना धर्म निभा रहे हैं. मां-पिता बनकर बच्चों की सेवा कर रहे हैं.
रवींद्र सौरव (हरमू निवासी) की पत्नी का देहांत 2018 में हो गया था, उस वक्त छोटा बेटा सिर्फ सात महीने का था. रवींद्र को दो बेटे हैं. खास बात है कि आज बड़े बेटे का 10वां जन्मदिन भी है. रवींद्र कहते हैं कि पत्नी के अचानक साथ छोड़ देने पर बिल्कुल अकेला पड़ गया था. छोटा बेटा सात महीने का था. इस दौरान परिवार ने शादी के लिए भी काफी दबाव दिया, लेकिन मैंने बच्चों के लिए शादी करना ठीक नहीं समझा. आज बेटों के साथ रहता हूं. मेरी बहन ने भी काफी सपोर्ट किया.
अरुण सिंह (रातू रोड) की चार बेटियां हैं. इन्हें पालना चुनौती से कम नहीं था, लेकिन अरुण सिंह ने हौसला नहीं खोया. बेटियों की बखूबी परवरिश की. वह कहते हैं वर्ष 2017 में पत्नी का देहांत हो गया था. उस वक्त छोटी बेटी पहली क्लास में थी. वह कहते हैं कि मेरा जीवन पत्नी के बिना काफी संघर्षपूर्ण रहा, हालांकि बेटियों ने मां के गुण को पूरी तरह अपना लिया है. अब बेटियां खुद खाना बना लेती हैं. घर की बाकी जिम्मेदारियों को मैं निभाता हूं. पूरी कोशिश होती है कि बेटियों को मां की कमी महसूस नहीं होने दें.
विनय कुमार रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं. 2011 में पत्नी का निधन हो गया था. बेटी श्रुति का पालन पोषण के लिए सेवानिवृत्ति के चार वर्ष पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. वह कहते हैं कि बेटी की परवरिश पहली प्राथमिकता थी. बेटी को पढ़ाया-लिखाया, उसकी शादी में किसी तरह की कमी नहीं होने दी. अब नाना-नानी की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. विनय कुमार कडरू स्थित अपने घर में अकेले रहते हैं. बेटी से मिलने पुणे जाते रहते हैं. वह कहते हैं कि मां की ममता और पिता के दायित्व के बाद ही बच्चों का पालन पोषण होता है.
सत्यप्रकाश (नार्थ ऑफिस निवासी) दो बेटों के पिता हैं. हालांकि बेटों के लिए पिता कम और दोस्त की भूमिका में ज्यादा रहे. वह कहते हैं 2017 में बीमारी के कारण पत्नी का देहांत हो गया था. इसके बाद रिसर्च ऑफिसर सेल के पद से सेवानिवृत्त हो गये. पत्नी के निधन के बाद बेटों की शादी की. मां का किरदार निभाया. दोनों बेटे जॉब में हैं. सत्य प्रकाश कहते हैं कि पत्नी के साथ उनका काफी दोस्ताना रिश्ता था. दोनों काफी इंजॉय करते थे. खुद को व्यस्त रखता हूं. बच्चों पर फोकस करता हूं. बच्चे आते हैं. तो मेरे हाथ का ही खाना खाते हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra