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आमरण अनशन कर रहे स्वास्थ्य अनुबंधकर्मियों की तबीयत बिगड़ी, एक को जबरन अस्पताल ले जाया गया

डॉक्टर ने महिला चिकित्साकर्मी को समझाने की भरपूर कोशिश की. डॉक्टर ने कहा कि जिंदा रहने के लिए जरूरी है कि उन्हें अस्पताल ले जाया जाये. बाद में डॉक्टर ने वहां अनशन कर रही अन्य महिला अनुबंधकर्मियों से कहा कि वे इन्हें समझायें. अगर वह नहीं मानेंगी, तो फोर्स बुलाकर उन्हें जबरन ले जाया जायेगा.

झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ और झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम-जीएनएम संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे कई स्वास्थ्य अनुबंधकर्मियों की तबीयत बिगड़ गयी है. इनमें से एक को जबरन रिम्स में भर्ती कराया गया है. उसकी हालत बेहद गंभीर है. बीमार लोगों की जांच के लिए पहुंची टीम ने महिला चिकित्साकर्मी से आग्रह किया कि वह अस्पताल चलें, क्योंकि उनकी स्थिति बहुत खराब है. लेकिन, वह अड़ गयी और कहा कि अस्पताल नहीं जायेगी. काफी जद्दोजहद के बाद महिला स्वास्थ्य अनुबंधकर्मी को महिला पुलिस की मदद से जबरन उठाकर अस्पताल ले जाया गया.

डॉक्टर ने महिला पारा मेडिकल स्टाफ को काफी समझाया

इससे पहले डॉक्टर ने महिला चिकित्साकर्मी को समझाने की भरपूर कोशिश की. डॉक्टर ने कहा कि जिंदा रहने के लिए जरूरी है कि उन्हें अस्पताल ले जाया जाये. बाद में डॉक्टर ने वहां अनशन कर रही अन्य महिला अनुबंधकर्मियों से कहा कि वे इन्हें समझायें. अगर वह नहीं मानेंगी, तो फोर्स बुलाकर उन्हें जबरन ले जाया जायेगा. इसके बाद पारा मेडिकल स्टाफ्स ने एक सुर में कहा कि जब तक हमारी बातें नहीं सुनी जायेगी, हम यहां से नहीं हिलेंगे. हम जान दे देंगे, लेकिन यहां से नहीं जायेंगे.

पुलिसकर्मियों की मदद से आंदोलनकारी को ले गये अस्पताल

इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया गया और उनकी मदद से गंभीर रूप से बीमार महिला चिकित्साकर्मी को वहां से ले जाया गया. इससे पहले काफी देर तक महिला चिकित्साकर्मियों ने फोर्स को अंदर आने से रोके रखा. पारा मेडिकल कर्मियों ने जमकर नारेबाजी भी की. काफी मशक्कत के बाद महिला पुलिसकर्मी अंदर पहुंच पायी और गंभीर हालत में अनशन पर बैठी महिला पारा मेडिकलकर्मी को अस्पताल ले जाया गया.

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10 दिन से जारी है पारा मेडिकल स्टाफ का आंदोलन

बता दें कि झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम-जीएनएम संघ का आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन 10वें दिन में प्रवेश कर गया. नियमितीकरण की मांग को लेकर संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे कर्मी राजभवन के समक्ष अनशन कर रहे हैं. इसमें महिला और पुरुष दोनों कर्मी शामिल हैं. जब महिला अनुबंधकर्मी को ले जाने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने ‘हमारी मांगें पूरी करो’ के नारे लगाये.

23 जनवरी को रक्तदान के बाद शुरू किया था आमरण अनशन

बता दें कि 23 जनवरी को रक्तदान करने के बाद पारा मेडिकलकर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में आमरण अनशन शुरू कर दिया था. 25 जनवरी को 4 लोगों की हालत बिगड़ गयी. आंदोलन को अन्य जनसंगठनों, विभिन्न संघों के साथ ही मोर्चा से जुड़े लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. बुधवार को भारतीय जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, शीतल मुंडा, राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष गोपाल शरण सिंह के साथ ही अखिलेश कुमार सिंह ने आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया.

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पारा चिकित्साकर्मियों को लेकर सरकार संवेदनहीन : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश से आंदोलनरत राज्य के पारा चिकित्सा कर्मियों ने मुलाकात की. एक ज्ञापन भी सौंपा. प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य के पारा चिकित्साकर्मियों की समस्याओं को लेकर हेमंत सरकार संवेदनहीन है. उन्होंने कहा कि चिकित्साकर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही. श्री प्रकाश ने राज्यपाल से पारा चिकित्साकर्मियों के मामले में हस्तक्षेप करते हुए उनकी समस्या के समाधान के लिए सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया.

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