झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर संकट बढ़ता जा रहा है. अनुबंध पारा चिकित्साकर्मियों, सहिया के बाद राज्य भर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) ने भी चरणबद्ध आंदोलन को एलान कर दिया है. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सेवा देनेवाले सीएचओ का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो राज्यभर के 1600 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सेवा देनेवाले सीएचओ पूर्ण हड़ताल पर चले जायेंगे. शुक्रवार को डोरंडा स्थित स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास का घेराव किया गया. इसमें बड़ी संख्या में दूर-दराज इलाकों से अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ वे सभी रांची पहुंची थीं. अपर सचिव एवं अभियान निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा अगस्त 2022 में सेवा नियमावली से जुड़ा एक पत्र जारी किया गया था. इसके अनुसार सभी सीएचओ नियमित करने की मांग कर रहे हैं. इनमें गृह जिले में पदस्थापना, प्रोत्साहन राशि का भुगतान, सुरक्षा के साथ ही बीमा का लाभ और जिम्मेदारी स्पष्ट करते हुए नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू करने जैसी मांग शामिल है.
झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मचारी संघ के साथ ही झारखंड एनआरएचएम एएनएम-जीएनएम संघ का संयुक्त आंदोलन 39वें दिन भी जारी रहा. राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे इनसे सरकार का कोई प्रतिनिधि वार्ता करने नहीं पहुंचा. शुक्रवार को भी राज्य के सभी सब सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश लैब बंद रहे. राष्ट्रीय कार्यक्रम एमडीए भी प्रभावित रहा. संघ के सचिव नवीन कुमार गुप्ता ने कहा कि राज्य भर में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हैं, अभी तक किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो पाया है. कार्यक्रम में झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्याध्यक्ष गोपाल जी शरण, महासचिव सुदेश कुमार, नकी अहमद, झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की ओर से मीरा कुमारी, वीणा कुमारी के साथ ही संघ से जुड़े बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे.
झारखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन अनुबंध और संविदा कर्मचारियों की नौकरी नियमित करने की प्रक्रिया को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शनिवार को नेपाल हाउस में बैठक करेंगे. पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल के 40वें दिन विभागीय मंत्री, विभाग के अधिकारी और संघ के पारा मेडिकल व टीबी कर्मी का प्रतिनिधि एक टेबल पर सीधी वार्ता के लिए बैठेंगे. मंत्री के आप्त सचिव आसिफ एकराम ने अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है. बैठक विकास आयुक्त सभागार में होनी है, जिसमें संघ से मांगों से जुड़े ज्ञापनों पर विस्तृत प्रतिवेदन मंगाया गया है. आपको बता दें कि पूर्व में एनएचएम अभियान निदेशक की अध्यक्षता में अनुबंधकर्मियों के समायोजन को लेकर एक कमेटी गठित की गयी थी. समिति द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों के विरुद्ध एनएचएम में कार्यरत अनुबंधकर्मियों के समायोजन की अनुशंसा की गयी थी.
2014 की तर्ज पर शामिल होना चाहते हैं पारा मेडिकलकर्मी
राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्यरत सभी पारा मेडिकल कर्मी जैसे ए ग्रेड नर्स, एएनएम, फार्मासिस्ट, लैब और एक्सरे तकनीशियन राज्य सरकार के अधीन स्थायी पदों पर होनेवाली नियुक्ति प्रक्रिया में पूर्व की संचिका संख्या – 10, पारा मेडिकल 7-5-2012 और 30 -01- 2014 नियमावली की तर्ज पर सीधी नियुक्ति में शामिल होना चाहते हैं. इसमें किसी भी तरह की परीक्षा की बाध्यता को स्वीकार्य नहीं करना चाहते. जबकि, राज्य सरकार ने पारा मेडिकल कर्मियों की स्थायी नियुक्ति में अनुबंध कर्मियों को वेटेज देने का निर्णय लिया है.
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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2015 में आवेदन मंगाने के बाद नियमावली में पेच होने के कारण नियुक्ति परीक्षा स्थगित कर दी गयी थी. वर्ष 2018 में नयी नियमावली तो बनी लेकिन इसमें भी कई त्रुटियां सामने आ गयी. इसके बाद वर्ष 2014 में एनएचएम, झारखंड में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों (एएनएम व ए ग्रेड नर्स को छोड़ कर) के नियमितीकरण को लेकर संचिका भी प्रारंभ किया गया था. समय – समय पर इसे लेकर मांग उठती रही, लेकिन सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया जा सका.