राजीव पांडेय, रांची : झारखंड में हार्ट और डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. आइसीएमआर की ओर से जारी हेल्थ ऑफ द नेशन स्टेट की रिपोर्ट में झारखंड का जो आंकड़ा दिखाया गया है, वह चौंकानेवाला है. रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 में 6.6 फीसदी लोग ह्रदय रोग से पीड़ित पाये गये हैं, जबकि वर्ष 1990 में सिर्फ 2.6 फीसदी लोग ही हृदय रोग से पीड़ित थे. हार्ट की बीमारी से 5.4 फीसदी युवाओं (15 से 39 वर्ष की आयु) की मौत हुई है. देश में हाेने वाली कुल मौतों में 28 फीसदी हृदय रोगी थे.
दूसरी ओर डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 1990 में डायबिटीज से 0.6 फीसदी लोग पीड़ित थे, लेकिन वर्ष 2016 आते ही इसका आंकड़ा 1.8 फीसदी हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज के मरीज आगे चल कर हार्ट की बीमारी से भी पीड़ित हो जा रहे हैं. इसके अलावा बच्चों की कुल मौत आठ फीसदी (0 से 14 वर्ष) हुई है, जिसमें 36.4 फीसदी मौत नवजात बच्चों में होनेवाली बीमारी से हुई है. इसके अलावा डायबिटीज से होनेवाली मौत का खतरा 4.5 फीसदी और ब्लड प्रेशर से होनेवाली मौत का खतरा 6.9 फीसदी बढ़ा है.
प्रदूषण के कारण क्रोनिक फेफड़ा की बीमारी हुई दोगुनी : हेल्थ ऑफ द नेशन स्टेट की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषण के कारण क्रोनिक अॉब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (फेफड़ा की बीमारी) दो गुनी हो गयी है. रिपोर्ट में बताया है कि वर्ष 1990 में राज्य में इस बीमारी से 1.5 फीसदी लोग पीड़ित थे, लेकिन 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 3.3 फीसदी हो गया. इसमें लगातार वृद्धि हो रही है.
राज्य में सड़क दुर्घटना के मामले भी बढ़े
राज्य में सड़क दुर्घटना पर भी चिंता जाहिर की गयी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना तेजी से बढ़ी है. वर्ष 1990 में सड़क दुर्घटना के 1.5 फीसदी मामले आते थे, लेकिन वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 2.9 फीसदी तक पहुंच गया है. सड़क दुर्घटना में या इलाज के दौरान होनेवाले मौत में तेजी से वृद्धि हो रही है.
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झारखंड में जीवन प्रत्याशा बढ़ी
झारखंड में लाइफ स्पेक्टेंसी (जीवन प्रत्याशा) यानी औसत उम्र बढ़ गयी है. वर्ष 2016 में पुरुषों की औसत आयु 65 साल और महिलाओं की उम्र 67.8 साल हो गयी. वहीं, 1990 में पुरुषों की औसत आयु 57.2 फीसदी थी, जबकि महिलाओं की औसत आयु 57.7 थी.