रांची : झारखंड के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है, तो कई जगहों पर भारी ओलावृष्टि हुई है. इससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गयी हैं. शहरों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग ने शनिवार (14 मार्च, 2020) को बड़ी चेतावनी जारी की है.
मौसम विभाग ने धनबाद, गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, रांची, रामगढ़, खूंटी और बोकारो जिलों के कुछ भागों में बारिश के साथ ओलावृष्टि और वज्रपात की चेतावनी दी है. चतरा, गढ़वा, गोड्डा, साहिबगंज, पलामू, हजारीबाग समेत कई जिलों में शुक्रवार की शाम से शुरू हुई बारिश शनिवार को भी जारी रही.
गढ़वा जिला के कई प्रखंडों में भारी बारिश हुई है, तो चतरा में मोहाने नदी उफान पर है. गढ़वा के रंका प्रखंड में खेतों में पानी की धार बह रही है, तो ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. रंका में रात 10 बजे से लगातार बारिश का दौर जारी है. श्रीबंशीधर नगर में रात बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं. एक ट्रैक्टर पर आम का पेड़ गिर गया, जिससे सड़क पर जाम लग गया. रबी फसलें बर्बाद हो गयीं. विशुनपुरा में भी ऐसे ही हालात हैं.
लोहरदगा में मूसलाधार बारिश हुई है. मां भद्रकाली के नगर इटखोरी में शुक्रवार शाम से लगातार बारिश हो रही है. रात में मेघ गर्जना के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हुई, जो शनिवार सुबह तक जारी रही. तेज बारिश की वजह से मोहाने नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
संथाल परगना के गोड्डा प्रखंड के नूनबट्टा सहित आधा दर्जन गांवों में शुक्रवार की शाम करीब चार बजे तेज आंधी-तूफान व बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. आंधी-तूफान से सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गये. रबी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी. पंचायत भवनों की छतों पर लगे सोलर सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गये. लोगों ने मुआवजे की मांग की है. साहिबगंज में देर रात से हल्की-फुल्की बारिश का दौर जारी है.
हजारीबाग के केरेडारी में मूसलाधार बारिश एवं ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. किसानों की फसलें बर्बाद हो गयी हैं, तो खपरैल एवं एसबेस्टस की छतें टूट गयी हैं. कई घरों में पानी घुस गया है. तेज हवा से पेड़ भी गिर गये हैं. हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड में फूल गोभी की फसल को काफी नुकसान हुआ है.
पलामू के हुसैनाबाद में शाम से पूरी रात रिमझिम बारिश हो रही है. तेज हवा भी चल रही है. दलहन और तिलहन की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इससे किसानों में मायूसी है.