Jharkhand Weather: बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने के बाद मानसून सक्रिय हो गया है. इसका व्यापक असर झारखंड के कई इलाकों पर पड़ा है. गुरुवार की दोपहर लगभग ढाई बजे राजधानी के विभिन्न इलाकों में लगभग दो घंटे तक झमाझम बारिश हुई. लगभग 50 मिमी बारिश होने का अनुमान है. वहीं, एयरपोर्ट स्थित मौसम विभाग के कार्यालय के पास छिटपुट बारिश हुई है. कांके रोड स्थित विद्यानगर में तेज बारिश से एक पेड़ बिजली के ट्रांसफॉर्मर पर गिर गया. इससे ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गया है. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया है कि मानसून सक्रिय हो गया है. 22 सितंबर को भी कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश के संकेत हैं. खास कर पलामू, गुमला, लोहरदगा, संताल परगना आदि इलाके में बारिश व वज्रपात की संभावना है. रांची में आकाश में बादल छाये रहेंगे व कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. वहीं, 23 सितंबर को मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी. विभाग का अनुमान है कि 10 से 15 अक्तूबर तक मानसून फिर वापस लौटेगा.
देवघर में 30 एमएम बारिश, दो दिनों तक बरसेंगे बादल
गुरुवार को देवघर में भी झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया. सुबह से आसमान में बादल छाये रहे व दोपहर एक बजे से बारिश शुरू हो गयी. देर रात तक देवघर में 30 एमएम बारिश का रिकाॅर्ड दर्ज किया गया. शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति हो गयी. हरीहरबाड़ी, शिवपुरी, करनीबाद, राजाबगीचा, सिविल लाइंस मुहल्ला, बेलाबगान दुर्गाबाड़ी रोड आदि मुहल्ले में जलजमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी. बेलाबगान में नाले का पानी सड़क पर आ गया. समाहरणालय गेट के पास जलजमाव होने से लोगों को आने-जाने में दिक्कतें हुई. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस बारिश से धान की फसलों को फायदा पहुंचने की संभावना है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो दिनों तक आसमान में बादल छाये रहने व बारिश की संभावना बनी रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार, 22, 23 व 24 सितंबर को 15 से 20 एमएम बारिश की संभावना है. इस दौरान कई इलाकों में वज्रपात की भी संभावना जतायी गयी है.
जलार्पण के बाद बारिश में नाचते-गाते रहे बाबा के भक्त
देवघर में गुरुवार सुबह की सुहाने मौसम में कांवरिये बोल बम के जयघोष के साथ शिवगंगा घाट पर पहुंचते दिखे. शिवगंगा पहुंचने के बाद तालाब में स्नान कर जल का संकल्प कराने के बाद कतार में लगने जाते दिखे. बाबा मंदिर से पूजा करने के बाद कांवरिये मां पार्वती और महाकाल भैरव मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. जानकारों की मानें तो अढ़इया मेले तक काफी भीड़ होगी.
धनबाद में दो दिनों की बारिश से मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर तीन-तीन फीट बढ़ा
धनबाद में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से डीवीसी के मैथन एवं पंचेत डैम में लगभग तीन-तीन फीट पानी में वृद्धि हुई है. डीवीसी मैथन के जलाशय संचालन प्रबंधक कार्यालय से गुरुवार की सुबह के छह बजे विभिन्न जलाशयों की दर्ज की गयी जलस्तर की सूची के अनुसार मैथन, पंचेत, कोणार, तिलैया का जलस्तर काफी संतोषजनक दर्ज किया गया है. सूची के अनुसार मैथन डैम का 483.01 फीट है, पंचेत का 410. 27 फीट जलस्तर है. कोणार डैम का जलस्तर 1372. 41 फीट व तिलैया डैम का 1197.87 फीट पानी है. मैथन के पीआरओ संजय प्रियदर्शी ने कहा कि मैथन और पंचेत डैम में प्रचुर मात्रा में पानी है. मैथन डैम के जलस्तर को देखते हुए मैथन डैम से सप्लाई जलापूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
जमेशदपुर में पूरे दिन रूक-रूक कर होती रही बारिश
जमशेदपुर में गुरुवार की सुबह से ही शहर में रुक-रुक कर बारिश की फुहार गिरती रही. पांच-सात मिनट तक पूर दिन बरसात होती रही. मौसम विभाग के अनुसार सुबह 8.30 बजे से रात 8.30 बजे तक कुल 3.9 एमएम बारिश दर्ज की गयी. पिछले 24 घंटे में कुल 34 एमएम बारिश हुई. गुरुवार को अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गयी. यह सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा. न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. बच्चों ने इस बारिश का खूब लुत्फ उठाया.
जामताड़ा में दो दिन लगातार बारिश, उमस भरी गर्मी से लोगों को मिली राहत
जामताड़ा में बुधवार से शुरू हुई बारिश गुरुवार तक जारी रहने से उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली. वहीं किसानों की चेहरे पर खुशी एक बार फिर लौट आयी है. प्रखंड क्षेत्र में बुधवार से रुक-रुक कर बारिश से मौसम एक बार सुहावना हो गया एवं लोगों ने राहत की सांस ली है. प्रखंड क्षेत्र में कुछ दिनों से कुछ हिस्सों में बारिश नहीं होने की वजह से धान के खेत सूखने लगे थे, जिससे किसान काफी चिंतित एवं मायूस थे. इस बारिश के बाद धान की फसल में जान आयी, जिससे किसान काफी खुश हैं. गुरुवार को हुई बारिश से खरीफ मौसम में लगाए जाने वाले सब्जी आदि का लाभ हुआ. लोगों की मानें तो एक बार जोरदार बारिश हो जाने से खेत एवं तालाब पूरी तरह लबालब भर जाते, जिससे रबी खेती करने में सहूलियत होती.
बारिश से खेतों में लौटी जान, किसानों के चेहरों पर दिखी रौनक
गुरुवार को कई जिलों में हुई झमाझम बारिश के कारण किसानों के चेहरों में रौनक लौट आयी है. भारी बारिश के कारण खेत, पोखर, डोभा, जोरिया में पानी का स्तर बढ़ गया है. बुधवार और गुरुवार, दो दिन कई इलाकों में जोरदार गरज व बिजली कड़कने के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गयी. किसानों ने कहा कि यह बारिश धान के फसल के लिए अमृत के समान है. कई जगहों पर खेत सूखकर फटने लगे थे. बारिश से उन खेतों में नयी जान लौट आयी है. वहीं बारिश व गरज के कारण पालोजोरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति भी बाधित रही.
रामगढ़ में बारिश से भैरवी नदी का जलस्तर बढ़ा
रामगढ़ में बारिश से क्षेत्र की कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. भैरवी नदी का जलस्तर बढ़ने से रजरप्पा मंदिर स्थित छिलका पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है. कई दुकानों में पानी घुस गया है. छिलका पुलिया के ऊपर से पानी गुजरने से गोला की ओर से मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई. उधर, बारिश होने से कोचीनाला, गोमती नदी के भी जलस्तर में वृद्धि हुई है.
साहिबगंज में दो दिनों में 28 एमएम हुई बारिश. शनिवार तक होगी वर्षा
साहिबगंज जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार रात्रि से गुरुवार देर शाम तक रुक-रुक कर बारिश होती रही. अब तक 28 एमएम बारिश दर्ज की गयी है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ बीके मेहता ने बताया कि साहिबगंज में दो दिनों से बारिश हो रही है, जो शुक्रवार व शनिवार तक जारी रहेगी, बताया कि 24 घंटे में 28 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी है. उन्होंने बारिश से अलर्ट रहने की भी सलाह दी है. बताया कि अभी साहिबगंज येल्लो मार्किंग में है. बारिश से खेतों को लाभ होगा.
अब भी राज्य में सामान्य से 32 मिमी कम बारिश
पिछले 24 घंटे में झारखंड में सबसे अधिक तेनुघाट में 124.8 मिमी बारिश हुई है. जबकि, हजारीबाग में 72 मिमी बारिश हुई है. मौसम विभाग के अनुसार, झारखंड में एक जून से अब तक सामान्य से 32 मिमी कम बारिश हुई है. इस अवधि में सामान्यत: 962.4 मिमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन अब तक 656 मिमी ही बारिश हुई है. वहीं, साहिबगंज में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. यहां सामान्य बारिश 1079 मिमी है, जबकि अब तक 1080.7 मिमी बारिश हो चुकी है. इसके अलावा गोड्डा में सामान्य बर्षापात 836.9 मिमी है, जबकि अब तक यहां 796.8 मिमी बारिश हुई है. सबसे खराब स्थिति चतरा की है. यहां 59 प्रतिशत कम बारिश हुई है. वहीं, रांची में 31 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
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