13.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हेमंत सरकार खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण व मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक फिर लाएगी विधानसभा के पटल पर

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार जनहित में खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण और मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक फिर विधानसभा के पटल पर लाएगी. राज्यपाल द्वारा वापस किए गए विधेयकों को फिर विधिवत विधानसभा के पटल रखने को लेकर सरकार कार्य कर रही है.

रांची: झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा ‘स्थानीय व्यक्तियों की झारखंड परिभाषा और ऐसे स्थानीय व्यक्तियों को परिणामी, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभ प्रदान करने के लिए विधेयक-2022’, भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक-2021 एवं पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा 27 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक को वापस करने के बाद राज्य सरकार फिर इस विषय की गंभीरता को देखते हुए विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखने की योजना पर कार्य कर रही है.

राज्यपाल सचिवालय से किया गया है ये अनुरोध

राज्यपाल सचिवालय द्वारा लौटाये गये विधेयकों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 एवं झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम–98 (1) के तहत राज्यपाल के संदेश के साथ राज्य सरकार एवं विधानसभा को उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध राज्यपाल सचिवालय से किया है.

Also Read: Explainer: झारखंड की 30 हजार से अधिक महिलाओं की कैसे बदल गयी जिंदगी? अब नहीं बेचतीं हड़िया-शराब

जनहित में फिर विधानसभा के पटल पर लाएगी सरकार

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार जनहित में खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण और मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक फिर विधानसभा के पटल पर लाएगी. राज्यपाल द्वारा वापस किए गए विधेयकों को फिर विधिवत विधानसभा के पटल रखने को लेकर सरकार कार्य कर रही है. वापस किए गए विधेयकों से संबंधित राज्यपाल का संदेश उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.

Also Read: झारखंड: 18 लाख से अधिक कैश समेत एसबीआई की एटीएम मशीन उठाकर ले गए अपराधी, जांच में जुटी पुलिस

वापस किए गए विधेयकों के साथ नहीं हैं संदेश

विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक पर राज्यपाल की सहमति के लिए राज्य सरकार द्वारा उसे राज्यपाल सचिवालय को भेजा जाता है. विधेयक पर राज्यपाल की सहमति या असहमति होने पर राज्यपाल द्वारा उक्त विधेयक को लेकर एक संदेश भी संलग्न रहता है, लेकिन वापस किए गए उपरोक्त विधेयक में राज्यपाल सचिवालय द्वारा संदेश संलग्न नहीं किया गया है.

Also Read: Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव है बालुडीह, लेकिन अब ढूंढे नहीं मिलता बालू, पढ़िए बदलाव की ये कहानी

राज्यपाल सचिवालय से किया है ये आग्रह

राज्य सरकार इन विधेयकों को विधिवत फिर विधानसभा में लाने को लेकर कार्य कर रही है. ऐसे में राज्यपाल सचिवालय से उक्त संदेश को उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है, ताकि सरकार पूरी मजबूती के साथ जनहित के इन विधेयकों को फिर विधानसभा के पटल पर रख सके.

Also Read: Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जहां भीषण गर्मी में भी होता है ठंड का अहसास

28 जुलाई से शुरू हो रहा मानसून सत्र

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा है कि इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा. पिछले दिनों प्रेस को संबोधित करते हुए श्री महतो ने कहा था कि विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि मानसून सत्र की शुरुआत 28 जुलाई से हो रही है. सत्र 4 अगस्त तक चलेगा. स्पीकर ने उम्मीद जतायी है कि पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों से सदन को चलाने में उन्हें अपेक्षित सहयोग मिलेगा. आपको बता दें कि 28 जुलाई से 4 अगस्त के बीच कुछ छह कार्यदिवस हैं.

Also Read: अब राजभवन को हिंदी में ही भेजा जायेगा मूल विधेयक, झारखंड विधानसभा स्पीकर ने दिया निर्देश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें