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Hemant Soren Govt 3 Years: शिक्षा के क्षेत्र में हेमंत सोरेन सरकार ने किये कई बदलाव, ये काम अब भी अधूरा

Hemant Soren Govt 3 Years: 29 दिसंबर 2022 को हेमंत सरकार अपने कार्यकाल का 3 साल पूरा कर रही है. इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने प्रदेश की जनता को कई तोहफे दिये हैं. हेमंत सोरेन ने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई बड़े बदलाव किये. आइये जानते हैं साल भर में शिक्षा के क्षेत्र में क्या-क्या बदलाव आया...

Hemant Soren Govt 3 Years: 29 दिसंबर, 2022 को हेमंत सोरेन सरकार अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा कर रही है. इसको लेकर आज रांची के प्रोजेक्ट भवन में एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित होगा. हेमंत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव लायें. साल 2022 शिक्षा विभाग के लिए पारा शिक्षकों के स्थायीकरण से लेकर 50 हजार पद सृजन के लिए याद किया जायेगा. राज्य में वर्षों से चल रही पारा शिक्षकों की मांग वर्ष 2022 में पूरी हो गयी है. शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनायी गयी. पारा शिक्षक को सहायक बनाया गया. इसके लिए सेवा शर्त नियमावली बनायी गयी. शिक्षकों की सेवा स्थायी की गयी. शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल शिक्षक के मानदेय में 50 फीसदी तो अन्य शिक्षकों के मानदेय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन का कार्य भी वर्ष 2022 में हुआ. पारा शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2011 के बाद से बंद है, इसके बाद भी इतने वर्षों से प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो सका था.

वर्ष 2022 में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों के 50 हजार पद सृजित किये गये. राज्य में इससे पहले कभी भी शिक्षकों के एक साथ इतने अधिक पद सृजित नहीं किये गये थे. राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों का नाम भी बदल दिया गया. राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षक अब सहायक शिक्षक की जगह सहायक आचार्य के नाम से जाने जायेंगे. एक ओर शिक्षकों शिक्षकों का पद तो सृजित किया गया पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी. शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की बात तो कही गयी, पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. नियुक्ति को लेकर प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालय तक के नियमावली में संशोधन किया गया.

शानदार रहा मैट्रिक, इंटर परीक्षा का रिजल्ट

वर्ष 2022 में मैट्रिक, इंटर परीक्षा का रिजल्ट भी शानदार रहा. वर्ष 2022 में मैट्रिक का रिजल्ट 95 फीसदी से अधिक रहा. रिजल्ट के साथ प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में भी रिकार्ड बढ़ोतरी हुई. मैट्रिक परीक्षा में कुल 3,73,892 परीक्षार्थी सफल हुए थे, जिसमें से 225854 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी से पास हुए.

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झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं हुई

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा भी नहीं हो सकी. परीक्षा में नियमावली में संशोधन के बाद परीक्षा के लिए प्रस्ताव झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भी भेजा गया, पर परीक्षा नहीं हो सकी. राज्य में पिछली शिक्षक पात्रता परीक्षा 2016 में हुई थी. पिछले छह वर्ष से प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थी झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं.

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