मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 4000 सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ में परिवर्तित कर राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की बात कही है. वह सोमवार को होटवार स्थित हरिवंश टाना भगत स्टेडियम में आयोजित एसएमसी काॅन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन में राज्य भर से आये उत्कृष्ट विद्यालय के प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भाग लिया.
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा : राज्य की शैक्षणिक स्थिति देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले कमजोर जरूर है, लेकिन अब इसमें व्यापक सुधार लाया जायेगा. शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों को क्रमवार आधुनिक शिक्षा के लिए जरूरी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. शैक्षणिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अब हमें मिशन मोड में काम करना होगा. पीछे जो गैप रह गया है, उसे खत्म करना होगा.
कार्यक्रम को शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि स्कूल के विकास के लिए प्रबंधन समिति की अहम भूमिका होगी. इसका ध्यान रखा जायेगा कि संसाधन कभी भी पढ़ाई के आड़े न आये. उन्होंने आनेवाले दिनों में शिक्षा विभाग में होनेवाली नियुक्तियों पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार आज से एक नयी शुरुआत करने जा रही है. लेकिन, यह शुरुआत सफल तभी होगी, जब आप स्कूल संचालन समिति के सदस्य पूरी निष्ठा के साथ इसे संचालित करेंगे.
आप जैसे अपने घर के बच्चों पर ध्यान देते हैं, ठीक वैसे ही ध्यान इन 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों पर देना होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने कहा : हमारा लक्ष्य प्रखंड स्तर तक के स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में पहचान देने की है. यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप इन स्कूलों को कैसे संचालित करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विद्यालय बेहतर प्रदर्शन करेंगे, तो आनेवाले दिनों में जो विद्यालय इस श्रेणी के बनाये जायेंगे, वहां न केवल पढ़ाई होगी, बल्कि वहां हॉस्टल की सुविधाएं भी होंगी. यहां बेहतर प्रदर्शन करनेवाले बच्चों का ही नामांकन होगा. इन स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों को एक साथ इंटर स्टेट प्रोग्राम के तहत दूसरे राज्यों में भी भेजा जायेगा, ताकि नित्य कुछ नया सीखा जा सके.
शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के साथ ही भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और रांची के साथ ही अन्य संस्थाओं से सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, स्पोर्ट्स और आर्ट व कल्चर को भी बढ़ावा िदया जायेगा.
कार्यक्रम में सीएम की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार, प्राथमिक शिक्षा िनदेशक श्री चंद्रशेखर व अन्य उपस्थित थे.
पहले चरण में राज्य के सभी जिलों के प्रस्तावित 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्ट स्कूल) में तब्दील किया गया है. 2022-23 के सत्र की शुरुआत के साथ 80 उत्कृष्ट स्कूलों के लगभग दो लाख छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराया जायेगा. 2023-24 के सत्र से पहले 325 ब्लॉक स्तरीय लीडर स्कूलों और 2024-25 के सत्र से पहले पंचायत स्तर के 4,091 स्कूलों को पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय बनाकर लगभग 15 लाख बच्चों को लाभान्वित करने की योजना है.