रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. अदालत ने डीजीपी को जवाब देने का निर्देश दिया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीजीपी एमवी राव अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने डीजीपी से पूछा कि छह वर्ष से मामले की जांच लंबित है.
आखिर जांच को पूरा करने में कितना समय लगेगा. इस पर डीजीपी ने बताया कि तीन माह के अंदर जांच पूरी कर ली जायेगी. डीजीपी ने यह भी बताया कि इस तरह के जितने भी मामले हैं, उन्हें चिह्नित कर तीन माह में जांच पूरी कर ली जायेगी. डीजीपी के जवाब पर संतुष्ट होकर अदालत ने सरकार को समय प्रदान कर दिया.
मामले की अगली सुनवाई तीन माह के बाद होगी. इससे पूर्व अदालत ने मामले के अनुसंधानकर्त्ता से जानकारी मांगी थी, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर डीजीपी को उपस्थित होने का निर्देश दिया. इसके बाद सरकार के अधिवक्ता ने डीजीपी को सूचना दी. तत्काल डीजीपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित हुए.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विधान चंद्र ने क्वैशिंग याचिका दायर की है. उन्होंने मामले को निरस्त करने की मांग की है. धनबाद जिले में वर्ष 2014 में प्राथमिकी दर्ज की गयी, लेकिन उसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है.
Posted by : Pritish Sahay