Jharkhand News: रांची पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय के लिए असिस्टेंट बहाली प्रतियोगिता परीक्षा-2008 में बरती गयी अनियमितता व रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर 12 साल बाद सोमवार को फैसला आया है. झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने रिट याचिकाओं को स्वीकार करते हुए सरकार को नियुक्ति विज्ञापन के अनुरूप नये सिरे से मेरिट लिस्ट (रिजल्ट) प्रकाशित करने का आदेश दिया.
चयन में पुलिस मैनुअल का भी हुआ था उल्लंघन
पूर्व में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने अदालत को बताया था कि चयन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष आरके मल्लिक ने विज्ञापन की शर्तों में बदलाव कर नियुक्ति प्रक्रिया ही बदल दी थी तथा मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया था. इस मामले में पुलिस मैनुअल का भी उल्लंघन किया गया था.
चयन प्रक्रिया के दौरान कर दिया बदलाव
अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस हस्तक कहता है कि 100 अंकों का सामान्य ज्ञान तथा 100 अंकों का हिंदी टेस्ट होगा. टाइपिंग टेस्ट क्वालिफाइंग था, लेकिन चयन समिति ने प्रक्रिया के बीच में रांची में 200 अंकों की परीक्षा को 100 अंक का कर दिया तथा टाइपिंग टेस्ट के लिए 100 अंक रख दिया. यह सारी प्रक्रिया विज्ञापन प्रकाशित करने के बाद किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है.
प्रार्थी ने अनियमितता व रिजल्ट को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने कहा कि प्रावधान के अनुसार जब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो बीच में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी नीरज नयन चौधरी व अन्य की ओर से वर्ष 2010 में अलग-अलग याचिका दायर की गयी थी. उन्होंने नियुक्ति में अनियमितता व रिजल्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची