रांची: हिन्दी दिवस पर रांची के स्कूलों, कॉलजों एवं विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए गए. लाला लाजपत राय बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिन्दी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मारवाड़ी कॉलेज के हिन्दी विभाग में हिन्दी दिवस आयोजित किया गया. इतना ही नहीं, बीआईटी मेसरा और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया गया.
हिन्दी दिवस पर हिन्दी पखवाड़े का समापन
बीआईटी (बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान) राजभाषा प्रकोष्ठ, मेसरा द्वारा आयोजित हिन्दी पखवाड़ा के चौथे और अंतिम दिन हिन्दी दिवस आयोजित किया गया. कार्यक्रम कैट हॉल में शाम 6 बजे शुरू हुआ. शाम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व टीआरआई के निदेशक रणेंद्र और विशिष्ट अतिथि वास्तुकार सुदीप्त चक्रवर्ती थे. यह कार्यक्रम छात्र मामलों के डीन डॉ भास्कर कर्ण, छात्र कल्याण के एसोसिएट डीन डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, छात्र मामलों के एसोसिएट डीन डॉ योगेन्द्र अग्रवाल, संकाय सलाहकार लिटरेरी सोसाइटी डॉ नीरज कुमार सिंह एवं राजभाषा प्रकोष्ठ के डॉ अमित तिवारी की उपस्थिति में आयोजित किया गया. शाम के मेजबान प्रांजल कुमार और सौम्या पाराशर थे.
हिन्दी दिवस के मुख्य अतिथि थे रणेंद्र
पहला प्रदर्शन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स इंजीनियरिंग विभाग के आयुष राज और केमिकल विभाग के शैल कुमार पांडे द्वारा हिन्दी भाषा की सुंदरता को लेकर बातचीत थी. इसके बाद मुख्य अतिथि रणेंद्र ने अपने विचार रखे. अगला प्रदर्शन 2021 बैच के स्नातक छात्र शशांक राज का था. उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं का पाठ किया. इसके बाद विशिष्ट अतिथि सुदीप्त चक्रवर्ती ने अपनी बात रखी. 2020 बैच के स्नातक छात्र आयुष ने स्वरचित कविता सुनाई. इस मौके पर पिछले दिनों आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता, कविताए पाठ एवं क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया व सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र दिए गए.
अनुवाद ही है भाषाओं का भविष्य
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग और राजभाषा प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और विश्वविद्यालय कुलगीत से हुई. उसके बाद हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों ने जयशंकर प्रसाद और प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित कविता का सामूहिक पाठ किया. इस समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं तथा विदेशी भाषाओं के बीच अनुवाद की महत्ता बताते हुए कहा कि अनुवाद ही भाषाओं का भविष्य है.
हिन्दी की सबसे बड़ी विशेषता है उसका सर्वसमावेशी चरित्र
मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखक और कथाकर डॉ पंकज मित्र ने कहा कि हिन्दी की सबसे बड़ी विशेषता उसका सर्वसमावेशी चरित्र है. हिन्दी को सामंती व्यवहार से बचना चाहिए. स्वागत वक्तव्य देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव केके राव ने कहा कि हमें अपना कामकाज अधिक से अधिक सरल और सहज हिन्दी में करना चाहिए, जिसे आसानी से समझा जा सके. कार्यक्रम के संयोजक और प्रभारी हिन्दी अधिकारी डॉ उपेंद्र कुमार ‘सत्यार्थी’ ने विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि राजभाषा अधिनियम के तहत हम ‘क’ क्षेत्र में होने के नाते हमें कार्यालय के सभी कामकाज जैसे पत्राचार, टिप्पण और प्रारुपन का कार्य हिन्दी में करें. डॉ उपेंद्र ने इस अवसर पर गृह मंत्री के सन्देश का भी पाठ किया. हिंदी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा हिंदी भाषा के ऐतिहासिक और संवैधानिक विकास पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई.
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शोधार्थी ने किया हिन्दी ग़ज़ल का पाठ
शोधार्थी सूरज रंजन द्वारा रचित हिन्दी ग़ज़ल का पाठ किया गया. मंच का संचालन हिन्दी विभाग के छात्र भुवनेश कुमार प्रधान ने किया. धन्यवाद ज्ञापन उपकुलसचिव ले. क. उज्ज्वल कुमार ने किया. मौके पर प्रो आरके डे, प्रो मनोज कुमार, प्रो भगवान सिंह, प्रो सुभाष चंद्र यादव, प्रो रत्नेश विश्वक्सेन, प्रो आशीष सचान, प्रो देवव्रत सिंह, प्रो श्रेया भटाचार्जी, प्रो तपन बसंतिया, प्रो रवींद्र नाथ शर्मा, डॉ सुचिता सेन चौधुरी, डॉ रंजीत मंडल, उपकुलसचिव अब्दुल हलीम, परीक्षा नियंत्रक बीबी मिश्रा, नफीस अहमद खान, पीआरओ नरेंद्र कुमार आदि विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद थे.
रांची के मारवाड़ी कॉलेज के हिन्दी विभाग में हिन्दी दिवस
रांची मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के निर्देशन में मारवाड़ी महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष के निर्देशानुसार गुरुवार को हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ स्मिता गहलोत व डॉ सीमा चौधरी के मार्गदर्शन में मनाया गया. डॉ सीमा चौधरी ने हिन्दी की महत्ता तथा आवश्यकता एवं इसके संवैधानिक दृष्टिकोण पर चर्चा की. संवैधानिक स्तर पर हिन्दी भाषा के महत्व को बताया. हिन्दी की राजभाषा के रूप में घोषणा से लेकर आज तक हिन्दी भाषा के क्षेत्र में हुए कार्यों पर प्रकाश डाला. डॉ स्मिता गहलोत ने हिन्दी के राष्ट्रस्तर पर आवश्यकता को लेकर अपना उद्बोधन दिया. उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा के कारण ही आज हम भारतवासी अनेकता से एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं. बीए द्वितीय वर्ष के छात्र मोहित पाठक ने हिन्दी दिवस पर हिन्दी की महत्ता बतायी. मौके पर हंसराज चौरसिया, सोनाली उपाध्याय व भवानी प्रसाद मौजूद थे.
रांची के लाला लाजपत राय स्कूल में हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम
रांची के लाला लाजपत राय बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल (पुंदाग) में हिन्दी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सर्वप्रथम विद्यालय की हिन्दी शिक्षिका सरिता झा ने विद्यालय के बच्चों को संबोधित करते हुए कविवर भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियां निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय के सूल के माध्यम से यह बताया कि कैसे हमारी निज भाषा अर्थात हिन्दी का उत्थान, विकास, प्रचार और प्रसार आवश्यक है. विद्यालय में कविता पाठ प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक के बच्चों ने भाग लिया था. सुरभि, सुदा सदफ, हर्ष, अध्यात्म कश्यप, शैली, अनुष्का, अरमान खान, अनन्या मानसी आदि प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ प्राचार्य पीके ठाकुर एवं अन्य शिक्षकगण मौजूद थे.
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