Coronavirus in Jharkhand News (रांची) : झारखंड हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका के तहत राज्य सरकार के आग्रह पर शनिवार को अवकाश होने के बावजूद सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए राज्य के सभी जिलों के मालखानों और थानों में जब्त ऑक्सीजन सिलिंडरों को तत्काल रिलीज करने का आदेश दिया है.
खंडपीठ के मुताबिक, जब्त सिलिंडरों का उपयोग करते हुए लोगों की जान बचायी जाये. खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल लोगों की जान बचाना बहुत जरूरी है. उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि सिर्फ लोगों की जान बचाने के लिए जब्त ऑक्सीजन सिलिंडरों को रिलीज करने का आदेश दिया जा रहा है.
कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिया कि वह कोर्ट का आदेश लगाते हुए मालखाना और थानों को जब्त ऑक्सीजन सिलिंडर को तत्काल रिलीज करने का आदेश जारी करें.
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साथ ही यह भी कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडर का उपयोग करने के बाद 3 महीने के अंदर मालखाना और थाना को वापस लौटा दिया जाये. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि मालखाना और थानों में 250 से अधिक ऑक्सीजन सिलिंडर जब्त कर रखे हुए हैं. अगर उक्त सिलिंडर को रिलीज किया जाये, तो उसका उपयोग हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज में हो सकेगा.
झारखंड के विभिन्न थानों के मालखानों में जब्त कर रखे गये 224 ऑक्सीजन सिलिंडर रिलीज किये जायेंगे. पुलिस इसे कोर्ट से रिलीज कराने के बाद जिला प्रशासन को सौंप देगी. ऑक्सीजन सिलिंडर के उपयोग के बाद 3 महीने बाद प्रशासन इसे वापस करेगी. शनिवार को पुलिस मुख्यालय ने इस कार्रवाई को पूरा करने के लिए सभी जिलों के एसपी को 10 मई, 2021 तक का समय दिया है. वहीं, मामले में मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी पुलिस मुख्यालय अभियान को सौंपी गयी है.
अवकाश के दिन यानी शनिवार को झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर आपात सुनवाई की. खंडपीठ का आदेश अपने आप में ऐतिहासिक है. मालखाना में रखा हुआ जब्त सामान तभी रिलीज होता है, जब मामले में अंतिम फैसला आ चुका होता है. हाईकोर्ट ने ऐसा आदेश पहले कभी नहीं दिया था.
मालूम हो कि पूर्व में राज्य में कोराेना वायरस के बढ़ते संक्रमण को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. कोर्ट मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है.
Posted By : Samir Ranjan.