होली और शराब पर्यायवाची तो नहीं, लेकिन पूरक लगने लगे हैं. शराब की मस्ती में सराबोर होकर रंगों की फुहार का मजा लेनेवालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. झारखंड गठन के बाद हर वर्ष होली पर बिकनेवाली शराब में कम से कम पांच फीसदी का इजाफा होता रहा है. उत्पाद विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच दिनों में (एक से पांच मार्च तक) 69.72 करोड़ रुपये की शराब बेची जा चुकी है. सात मार्च तक इस राशि में 35 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा संभावित है. पिछले पांच दिनों में सबसे अधिक 11.42 करोड़ रुपये की शराब रांची में बिकी है.
वहीं, 6.05 करोड़ रुपये बिक्री के साथ धनबाद दूसरे व 5.07 करोड़ रुपये की शराब बेच कर हजारीबाग जिला तीसरे स्थान पर है. इसके बाद देवघर, गिरिडीह, पलामू, बोकारो और जमशेदपुर का नंबर आता है. इन सभी जिलों में तीन करोड़ रुपये से अधिक की शराब पिछले पांच दिनों में बेची जा चुकी है.
होली के मौके पर राज्य में सबसे ज्यादा शराब की बिक्री राजधानी में ही होती है. गत वर्ष होली के पूर्व केवल दो दिनों में रांची की शराब दुकानों से 13,500 बोतलें बेची गयी थीं. उत्पाद विभाग के आंकड़ों के मुताबिक होली पर होनेवाली शराब की खपत में 12,000 बोतलों के साथ धनबाद दूसरे स्थान पर था. जबकि देवघर 11,000 बोतलों की खपत के साथ तीसरे, सात हजार बोतलों की बिक्री पर बोकारो चौथे और पांच हजार बोतल बेच कर हजारीबाग पांचवें स्थान पर रहा था.
इस वर्ष भी आंकड़ा कमोबेश यही है. अन्य जिलों में औसतन 2,000 बोतलों की बिक्री होली पर होती है. गत वर्ष होली के लिए राज्य भर से लगभग 85,000 शराब के बोतलों की खरीद की गयी थी. शराब व्यवसायी इस वर्ष भी शराब की खरीद में पांच फीसदी की वृद्धि लगभग तय मान रहे हैं.
राज्य में ड्राइ डे केवल होली के दिन घोषित है. उत्पाद विभाग ने होली के दिन शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है. होली के दिन आठ मार्च को राज्य में कहीं भी शराब नहीं बिकेगी़ हालांकि, शराब की बिक्री को नियंत्रित करने की जिम्मेवारी जिले के उपायुक्त की होती है.